नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में नारायणपुर टॉप 5 आकांक्षी जिलों में शामिल
शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण में आकांक्षी नक्सल प्रभावित क्षेत्र नारायणपुर का देश भर में बेहतर प्रदर्शन
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर आदिवासी क्षेत्रों में अतिरिक्त प्रयासों के मिले सकारात्मक परिणाम
रायपुर,
भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा देश भर के आकांक्षी जिलों के परफॉर्मेंस के आधार पर अगस्त 2022 में जारी की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र नारायणपुर ने शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करते हुए शीर्ष पांच जिलों में अपना स्थान बनाया है। नीति आयोग द्वारा जारी चैम्पियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिंग में देश के 112 आकांक्षी जिलों में ओवरऑल परफॉर्मेंस श्रेणी में छत्तीसगढ़ का आकांक्षी जिला नारायणपुर पांचवें स्थान पर है। वहीं स्वास्थ्य और पोषण श्रेणी में नारायणपुर जिले का स्थान दूसरा है। इसी तरह शिक्षा श्रेणी के आधार पर जारी मासिक डेल्टा रैकिंग में नारायणपुर जिला चौथे स्थान पर है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में आदिवासी क्षेत्रों में प्राथमिकता से काम किया जा रहा है। मैदानी अमलों द्वारा अतिरिक्त प्रयासों से बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। छत्तीसगढ़ में हुए इन प्रयासों को भारत सरकार ने भी कई बार सराहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल का ही विजन था कि वंचित वर्ग के बच्चों को भी बेहतर शिक्षा मिल सके और वे भविष्य के अवसरों के लिए तैयार हो सकें। इसी संकल्पना को ध्यान में रखकर छत्तीसगढ़ में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट स्कूल शुरू किए गए हैं। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के शुरू होने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे भी अब अंग्रेजी माध्यम में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं और भविष्य संवारने में लगे हैं। अंग्रेजी माध्यम के साथ ही हिन्दी माध्यम में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम स्कूल भी शुरू किए गए हैं। इसके अलावा आकांक्षी जिलों में संचालित प्राथमिक स्कूल के बच्चों को उनकी स्थानीय बोली में भी शिक्षा दी जा रही है, जिससे वो अपनी संस्कृति और सभ्यता से जुड़ कर विषयों को आसानी से समझ रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बच्चों को कुपोषण और महिलाओं को एनीमिया से मुक्त करने के लिए प्रदेशव्यापी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया है। इसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं। प्रदेश के लगभग 50 प्रतिशत कुपोषित बच्चे कुपोषण मुक्त हो चुके हैं। लगभग 02 लाख 11 हजार बच्चे कुपोषण के चक्र से बाहर आ गए हैं। इसके साथ ही 85 हजार महिलाएं एनीमिया मुक्त हो चुकी हैं। नागरिकों को सुलभ सुविधाएं पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक, दाई-दीदी क्लिनिक, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, हमर लैब, मलेरिया मुक्त बस्तर और मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ योजना के साथ डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना संचालित की जा रही है।
नीति आयोग द्वारा जारी रैंकिंग में जिले को उल्लेखनीय स्थान मिलने पर कलेक्टर श्री ऋतुराज रघुवंशी ने सराहना करते हुए सभी अधिकारी-कर्मचारियों को आने वाले समय में और अधिक मेहनत कर जिले को रैंकिंग में और ऊपर ले जाने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि राज्य शासन की योजनाओं और फील्ड टीम की मेहनत से जिले ने बेहतर परफॉर्मेंस किया है।