बिजली का बिल नहीं पटाने पर कनेक्शन काटने का मैसेज भेजकर ठगी के वारदात को अंजाम देने वाला जामताड़ा गिरोह के सदस्य को पुलिस ने किया गिरफ्तर

दुर्ग : – बिजली का बिल नहीं पटाने पर कनेक्शन काटने का मैसेज भेजकर ठगी के वारदात को अंजाम देने वाला जामताड़ा गिरोह के सदस्य को गिरफ्तर करने में स्मृतिनगर चौकी पुलिस ने सफलता प्राप्त की है। आरोपी ने देश के कई राज्यों में 1 करोड़ से अधिक की ठगी के वारदात को अंजाम दिया है।


मामले का खुलासा करते हुए एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि भिलाई के सुंदर नगर कोहका निवासी पुष्पेन्द्र गजेन्द्र ने स्मृति नगर चौकी में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में पीड़ित ने बताया कि 10 अगस्त को मोबाइल नम्बर पर एक अज्ञात व्यक्ति का व्हाट्सअप मैसेज आया। मैसेज में लिखा था आप का बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा,


यदि बिजली कनेक्शन कटने से रोकना चाहते है तो दिए गए बिजली विभाग के मोबाइल नम्बर पर अधिकारी से बात करो। पीड़ित ने व्हाट्सअप पर भेजे गए मोबाइल नम्बर पर संपर्क किया। दूसरी ओर से खुद को बिजली विभाग का कर्मचारी बताते हुए बिजली कनेक्शन काटने से रोकने के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारी से बात करने को बोलकर एक नया मोबाइल नम्बर दिया गया।
जिस पर पीड़ित के द्वारा सम्पर्क करने पर उसके द्वारा एप्लीकेशन डाउनलोड कराया गया। जिससे प्रार्थी के बैंक खाते से 1,48030 रुपए कट गया। अज्ञात आरोपियों के द्वारा के बिजली कनेक्शन कट जाने का झांसा देकर धोखाधड़ी किया गया है। रिपोर्ट पर चौकी स्मृति नगर थाना सुपेला में अपराध दर्ज कर जांच में लिया था। जांच के दौरान पुलिस ने पांच दिन तक रोड ठेकेदार बनकर जमताड़ा में खुफिया तरीके से रैकी की
तब जाकर गिरोह का एक आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा। पुलिस ने आरोपी मुकेश मण्डल 27 वर्ष निवासी ग्राम झिलुवा टोलाको गिरफ्तार किया हैं। वहीं इस मामले में गिरोह के तीन आरोपी अजय मण्डल 21 वर्ष, अक्षय उर्फ पिन्टू मण्डल 20 वर्ष, व रंजीत मण्डल 35 वर्ष फरार हैं। पुलिस ने बताया कि चारों आरोपियों ने मिलकर देश के कई राज्यों में बिजली बिल के नाम पर एक करोड़ से ज्यादा की ठगी की है।


ऐसे देते थे वारदात को अंजाम….
आरोपी मुकेश मंडल ने पूछताछ पर बताया कि वह कक्षा 9वीं तक पढ़ा है। आस-पास के गांव के लोगों से सायबर ठगी का तरीका सीखकर अपनी स्वयं की एक टीम बनाकर सायबर ठगी का काम करता है।


वह अपने साथी अजय मण्डल, अक्षय उर्फ पिन्टू मण्डल और रंजीत मण्डल के साथ मिलकर काम करता है। मुकेश मण्डल गूगल के कस्टमर केयर से डेवलोपर से संपर्क करके 12 प्रतिशत नाम की एक एप आईडी पंजीयन कराता है और उससे मोबाईल नम्बरों का डाटा खरीदता है। फिर डेवलोपर द्वारा 1000-1500 रूपये में 10,000 मोबाईल नम्बरों का डाटा उपलब्ध करा दिया जाता है।


इसके बाद अजय मण्डल और अक्षय मण्डल बिजली विभाग का कर्मचारी व अधिकारी बनकर वाट्सअप नंबर पर बिजली बिल बकाया होना, जमा नहीं करने पर बिजली कनेक्शन कट जाने का मैसेज भेजते है और साथ ही बिजली कनेक्शन कटने से बचाने के लिये बिजली विभाग के कर्मचारी व अधिकारी का सम्पर्क मोबाईल नम्बर देते है


फिर ग्राहक को मोबाईल पर एप डाउनलोड कराया जाता है और मोबाईल का एक्सेस आरोपियों के द्वारा अपने मोबाइल फोन पर लेकर उसकेे बैंक खातों से रकम अपने फर्जी नाम व पता से विभिन्न विभिन्न खातों में ट्रांसफर करा लिया जाता है।

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