कोपाबेड़ा में कृष्ण कुंज का हो रहा निर्माण
कृष्ण कुंज द्वारा नगरीय क्षेत्रों के लोगों को वृक्षारोपण के प्रति किया जायेगा जागरूक
कोण्डागांव, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा एवं राज्य शासन की मंशानुरूप राज्य के सभी नगरों के उप नगरीय क्षेत्रों में कृष्ण कुंज के निर्माण हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके तहत् कोण्डागांव नगर से लगे उप नगरीय क्षेत्र कोपाबेड़ा के कक्ष क्रमांक पीएफ 449 में 01 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कृष्ण कुंज का निर्माण किया जा रहा है। इस कृष्ण कुंज के माध्यम से राज्य शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मनुष्य के लिए अत्यावश्यक वृक्षों एवं उनके सांस्कृतिक महत्व एवं उपयोगिता के विषय में जानकारी देते हुए वृक्षारोपण के प्रति उन्हें जागरूक करने का प्रयास किया जायेगा।
इसके लिए कोपाबेड़ा में 23 प्रकार के वृक्षों के 500 वृक्षों का रोपण किया जा रहा है। यहां सांस्कृतिक महत्व के 04 बरगद, 04 पीपल, 20 कदम्ब एवं जीवनोपयोगी 40 आम, 20 ईमली, 20 बेर, 20 गंगा ईमली, 20 जामुन, 20 गंगा बेर, 20 शहतुत, 20 तेंदु, 30 चिरौंजी, 30 अनार, 20 कैथा, 30 नीम, 20 गुलर, 20 बबुल, 20 पलास, 31 अमरूद, 30 सीताफल, 30 बेल, 30 आंवला के वृक्षों का रोपण किया गया है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा जारी डिजाईन के अनुरूप पूरे कुंज के मध्य में कृष्ण वट की भी स्थापना की जायेगी। इसमें चारों ओर फैंसिंग एवं बाउण्ड्री वॉल का निर्माण किया जायेगा। इसके अवलोकन हेतु 370 मीटर लम्बे पाथवे का निर्माण किया गया है।
इस संबंध में डीएफओ उत्तम गुप्ता ने बताया कि कृष्ण कुंज का मुख्य उद्देश्य जीवनोपयोगी एवं सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण वृक्षों को उप नगरीय क्षेत्रों में संरक्षित किया जा सके ताकि आने वाली पीढ़ियों को वृक्षों के महत्व एवं उनकी उपयोगिता के साथ इन वृक्षों के सामाजिक एवं सांस्कृतिक महत्व के प्रति भी लोगों को जागरूक करते हुए उन्हें वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। जिससे पर्यावरण की रक्षा भी होगी। कृष्ण कुंज के विकास हेतु वन विभाग को जिला खनिज न्यास निधि द्वारा सहायता प्रदान की गई है। कृष्ण जन्माष्टमी तक कृष्ण कुंज निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। ज्ञात हो कि जिले में 03 नगरों के समीप कृष्ण कुंज का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें दक्षिण कोण्डागांव वनमंडल द्वारा कोपाबेड़ा में तथा फरसगांव एवं केशकाल में कृष्ण कुंज का निर्माण उत्तर कोण्डागांव वनमंडल केशकाल द्वारा कराया जा रहा है।