मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बालाछापर गौठान का निरीक्षण किया…

रायपुर,

इस मौके पर सहेली स्व- सहायता समूह की महिला मीरा देवी ने बताया कि मुर्गीपालन से उन्हे अब तक 30 हजार से अधिक की आमदनी हुई है
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बालाछापर गौठान का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां स्व- सहायता समूह शेड, गौठान में स्थपित तेल, आटा चक्की एवं धान कुटाई मशीन का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बालाछापर गौठान में राधा रानी स्व सहायता समूह द्वारा संचालित बायोफर्टिलाइजर यूनिट का किया अवलोकन
इस मौके पर सहेली स्व- सहायता समूह की महिला मीरा देवी ने बताया कि मुर्गीपालन से उन्हे अब तक 30 हजार से अधिक की आमदनी हुई है।
मुख्यमंत्री ने यहां 800 हेक्टेयर में निर्मित स्व- सहायता समूह के उद्यान का अवलोकन भी किया।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बालाछापर गौठान में राधा रानी स्व सहायता समूह द्वारा संचालित बायोफर्टिलाइजर यूनिट का किया अवलोकनमुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बालाछापर गौठान में राधा रानी स्व सहायता समूह द्वारा संचालित बायोफर्टिलाइजर यूनिट का किया अवलोकन
इस यूनिट में गोबर गोमूत्र तथा गुण का प्रयोग कर बायो कंपोस्टिंग तरल जैविक खाद बनाया जाता है

इस यूनिट में गोबर गोमूत्र तथा गुण का प्रयोग कर बायो कंपोस्टिंग तरल जैविक खाद बनाया जाता है
यह तरल जैविक खाद न केवल भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाता है ।

यह तरल जैविक खाद न केवल भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाता है ।भूमि में कार्बन के तत्व को बढ़ाता हैऔर खेतों में खरपतवार को नहीं होने देता। यह तरल जैविक खाद फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटाणुओं को भी नष्ट करता है। इस तरल जैविक खाद से भूमि को 50 -88 प्रकार के माइक्रो तत्व मिलते हैं।

खाद के प्रयोग से भूमि में हर साल कार्बन तत्व की मात्रा 0.25से 0.5 % तक बढ़ सकती है
खाद के प्रयोग से भूमि में हर साल कार्बन तत्व की मात्रा 0.25से 0.5 % तक बढ़ सकती है

खाद के प्रयोग से भूमि में हर साल कार्बन तत्व की मात्रा 0.25से 0.5 % तक बढ़ सकती हैखाद के प्रयोग से भूमि में हर साल कार्बन तत्व की मात्रा 0.25से 0.5 % तक बढ़ सकती है

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज जशपुर के बालाछापर गौठान में स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा संचालित तेल पेराई यूनिट का अवलोकन किया। उन्होंने समूह की महिलाओं से तिलहन फसलों से तेल निकालने और उनकी बिक्री के बारे में जानकारी ली। समूह की महिलाओं ने अपने हाथों से तेल पराई मशीन से तैयार तेल मुख्यमंत्री को भेंट किया।

मुख्यमंत्री के बालाछापर गौठान पहुंचने पर महिलाओं ने तिलक लगाकर, आरती उतारकर और सूत की माला पहनाकर परंपरागत तरीके से स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने बालाछापर गौठान में बकरी पालन और मुर्गी पालन गतिविधियों का जायजा लिया। स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा यहां कड़कनाथ नस्ल और देशी नस्ल की मुर्गा-मुर्गी का पालन किया जा रहा है।

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