धर्मसभा में बोले स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज- साढ़े तीन वर्षों में हिंदू राष्ट्र बन जाएगा भारत
रायपुर। गोवर्धन मठ जगन्नााथपुरी के पीठाधीश्वर जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल आडिटोरियम में विशाल धर्मसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत आगामी साढ़े तीन वर्षों में हिंदू राष्ट्र बन जाएगा। विभाजन के बाद भारत को हिंदू राष्ट्र के रूप में घोषित न करना शासन व राजनीतिक दलों की दिशाहीनता है।
शंकराचार्य ने कहा- हमने सोच-समझकर ही कहा है कि भारत साढ़े तीन वर्षों में हिंदू राष्ट्र बन जाएगा। आप समीक्षा कीजिए, देखते रहिए, सहभागिता का परिचय दीजिए। उन्होंने राजनेताओं पर तीखी टिप्पणी की। कहा कि भारत में नेता धर्म और नीति को नहीं समझते। देश में राजनेताओं की कमी नहीं है, लेकिन राजनीति की परिभाषा से वे परिचित नहीं हैं। जिन राजनेताओं को राजनीति की परिभाषा का भी ज्ञान नहीं है, उनसे हम क्या आशा रख सकते हैं कि वे देश को प्रतिष्ठित, सुरक्षित, संपन्ना करेंगे, सीमापरायण समाज की संरचना करेंगे?
उन्माद का नाम, सत्ता भोग का नाम, फूट डालो और राज करो की कूटनीति का नाम राजनीति नहीं है। राजनीति का अर्थ होता है नीतियों में सर्वोत्कृष्ट, जिसके द्वारा व्यक्ति और समाज को सुबुद्ध, स्वावलंबी, सुसंस्कृत बनाया जा सके। उन्माद, अदूरदर्शिता का नाम राजनीति नहीं है। महाभारत, मत्स्यपुराण, अग्नि पुराण आदि में कहा गया है कि राजनीति का दूसरा नाम है राजधर्म। नीति और धर्म पर्यायवाची शब्द हैं।
शंकराचार्य ने कहा कि हिंदू आज कहने लगे हैं, पहले तो सनातनी ही कहते थे। सनातनी, वैदिक, आर्य, हिंदू चारों का प्रयोग कर सकते हैं। हिंद महासागर, हिंदकुट, हिंदी, हिंदू ये सब प्राचीन शब्द हैं। पुराण, ऋग्वेद में भी हिंदू शब्द का प्रयोग है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हिंसा कहीं भी हो, हम उसका समर्थन नहीं करते।