Rathyatra : आज शाम से भगवान जगन्नाथ का एकांतवास, 1 जुलाई से निकलेगी रथयात्रा

15 दिन तक एकांतवास में रहते हैं भगवान

 

Cglive Report : पुरी में रथयात्रा के 15 दिन पहले भगवान जगन्नाथ पूर्णिमा स्नान आज हो गया है। इसी स्नान के बाद भगवान करीब 15 दिन तक एकांतवास में रहते हैं। इस महत्वपूर्ण उत्सव में सुबह जल्दी प्रतिमाओं को गर्भगृह से बाहर लाकर स्नान मंडप में नहलाया जाता है। फिर पूरे दिन भगवान गर्भगृह से बाहर ही रहेंगे फिर शाम को श्रंगार के बाद 15 दिन के लिए वे एकांतवास में चले जाएंगे। इसके बाद भगवान जगन्नाथ 1 जुलाई को रथयात्रा के लिए बाहर आएंगे। तब तक मंदिर में दर्शन बंद रहेंगे।

सुगंधित जल और औषधि स्नान

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में मंत्रोच्चार करते हुए भगवान की मूर्तियों को गर्भगृह से स्नान मंडप में लाया गया। इसके बाद वैदिक मंत्रों के साथ स्नान शुरू होता है। जिसमें सुगंधित जल से भरे करीब 108 घड़ों से भगवान जगन्नाथ के साथ बलभद्र और देवी सुभद्रा को स्नान कराया जाता है। स्नान के लिए जिन घड़ों में पानी भरा जाता है, उनमें कई तरह की औषधियां मिलाई जाती हैं। कस्तूरी, केसर, चंदन जैसे सुगंधित द्रव्यों को पानी में मिलाकर पानी तैयार किया जाता है। सभी भगवानों के लिए घड़ों की संख्या भी निर्धारित है।

सालभर में एक बार ही उपयोग होता है कुंए का पानी

भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के पूर्णिमा स्नान के लिए मंदिर में ही उत्तर दिशा में मौजूद कुंए से पानी लिया जाता है। इस कुंए का पानी साल में सिर्फ एक बार ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर भगवान के इस स्नान के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है। कुंए को साल में सिर्फ इसी दिन खोला जाता है। बस एक दिन इस कुंए से पानी निकालकर इसे फिर से बंद कर दिया जाता है।

READ MORE : 1 जुलाई से निकलेगी रथयात्रा

औषधियां और सादा भोजन करेंगे भगवान

माना जाता है पूर्णिमा स्नान में ज्यादा पानी से नहाने के कारण भगवान बीमार हो जाते हैं। इसलिए उन्हें एकांत में रखकर औषधियों का सेवन कराया जाता है। इस दौरान भगवान को सादे भोजन का ही भोग लगाते हैं। साथ ही अगले 15 दिनों तक मंदिर में दर्शन बंद कर दिए जाते हैं और भगवान को सिर्फ आराम करवाया जाता है। इसके बाद भगवान ठीक होकर रथयात्रा के लिए निकलते हैं।

शाम को गज श्रंगार

शाम को भगवान बलभद्र और जगन्नाथ का गजश्रंगार किया जाता है। इसमें भगवान के चेहरे हाथी जैसे सजाए जाते हैं। क्योंकि, एक बार भगवान ने यहां इसी स्वरूप में भक्त को दर्शन दिए थे। इसके बाद भगवान को फिर गर्भगृह में ले जाया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button