‘पर्यावरण संरक्षण गतिविधि” के स्वयंसेवक संवारेंगे 75 तालाब, अमृत सरोवर योजना में शामिल तालाबों से ये अलग होंगे
रायपुर। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि समिति के स्वयंसेवकों ने छत्तीसगढ़ के 75 तालाबों को संवारने का संकल्प लिया है। आजादी के अमृत सरोवर योजना के तहत एक तरफ जहां केंद्र व राज्य सरकार की ओर से देशभर में तालाबों को संवारने की तैयारी है, वहीं दूसरी तरफ समिति के स्वयंसेवकों ने भी जनभागीदारी से तालाबों को संवारने का काम शुरू कर दिया है।
समिति द्वारा चुने गए तालाब सरकारी योजनाओं में शामिल तालाबों से अलग होंगे।
समिति की ओर से चिन्हित किए गए तालाबों में रायपुर, बस्तर, दुर्ग, अंबिकापुर, बलौदाबाजार और राजनांदगांव जिले के सबसे अधिक हैं, जबकि अन्य जिलों के कम से कम दो तालाबों को इसमें शामिल किया है। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि समिति के प्रदेश संयोजक डा. अनिल कुमार ने बताया कि जलस्रोतों को बचाना हमारा लक्ष्य है। ऐसे तालाब जिनका अस्तित्व खतरे में है, उन्हें संवारने का निर्णय हमने लिया है। कुछ जगहों पर समिति के स्वयंसेवकों ने काम भी शुरू कर दिया है।
रायपुर में बोइर तालाब देवपुरी, पादरी तालाब देवपुरी, आमा तालाब देवपुरी, गजराजबंध तालाब बोरियाखुर्द और महाराजबंध तालाब पुरानी बस्ती शामिल हैं। समिति के स्वयंसेवक पिछले कई वर्षों से ‘हर बूंद अनमोल” कार्यक्रम भी चला रहे हैं। इसके तहत ग्रामीण स्तर से लेकर नगरों में मुहल्ला, जिला और प्रांत स्तर पर जलस्रोतों की सफाई के साथ ही घर-घर पहुंचकर जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। स्वयंसेवक लोगों को घरों में बेवजह पानी खर्च न करने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। गलियों, सार्वजनिक स्थलों पर लगे नलों के बेकार बहते पानी को रोकने और टूटी हुई टोटियों की मरम्मत भी करा रहे हैं।
सरकारी योजना के तहत राज्य के सभी 28 जिलों में कुल 2100 अमृत सरोवर बनाए जाएंगे। इसमें स्थानीय निधि, खनिज निधि और मनरेगा योजना के तहत मजदूरों से काम लिया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से श्ाहीद और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के गांवों के तालाबों को प्राथमिकता के साथ संवारने का निर्देश दिया गया है।