मर्दापाल में पहली पीढ़ी के डेयरी उद्यमी हो रहे तैयार, अर्जुन बघेल ने सरकारी मदद से कुरुसनार में तैयार की डेयरी यूनिट

रायपुर. बस्तर का इलाका हमेशा से दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में पीछे रहा है क्योंकि यहां पर दूध के लिए गोपालन की परंपरा नहीं है। राज्य शासन ने डेयरी उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय किसानों को प्रोत्साहित किया। इसका परिणाम दिखना शुरू हुआ है और ग्रामीण क्षेत्रों में भी उद्यमी तैयार होने आरंभ हो गए हैं।
कुरूसनार के अर्जुन बघेल ऐसे ही एक उद्यमी हैं। उन्होंने इंग्लैंड की सबसे चर्चित प्रजाति क्रॉस एचएफ गाय डेयरी उद्यमिता योजना के अंतर्गत ली है। उन्हें एक लाख 40 हजार रुपये में यह गाय मिली। इसके लिए शासन की ओर से उन्हें 92 हजार रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ।

अर्जुन बघेल अब डेयरी का दूध मर्दापाल में बेच रहे हैं। भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को बताया कि खेती-किसानी के अतिरिक्त अब पशुपालन भी मेरे लिए आय का माध्यम साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि डेयरी उद्यमिता योजना के माध्यम से उन्हें जो लाभ हुआ है, उससे प्राप्त आय से वे उद्यम का विस्तार करेंगे।

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