शेयर बाजार में गिरावट रोकने के लिए सरकार से बड़ी मांग, वापस लिया जाए यह फैसला, इस गलती को सुधारना बहुत जरूरी

भारतीय बाजारों में जारी गिरावट और विदेशी निवेशकों की जबरदस्त बिकवाली के बीच मार्केट के बड़े ट्रेडर, इन्वेस्टर्स और जानकारों ने सरकार से एक मांग की है. बाजार में इस गिरावट को रोकने के लिए निवेशकों के एक वर्ग की ओर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) की दरों में ढील देने की मांग बढ़ रही है. चूंकि, भारत उन कुछ देशों में से एक है जो शेयरों से होने वाले प्रॉफिट पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर टैक्स लगाता है, इसलिए कुछ बाजार सहभागियों ने कहा कि इन करों में कमी से भारतीय इक्विटी इन निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बन सकती है.

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, अकाउंटिंग और कंसल्टेंसी फर्म KNAV में पार्टनर – टैक्स सर्विसेज उदय वेद ने कहा, “ग्लोबल लेवल पर, बहुत कम देश लिस्टेड सिक्योरिटीज पर कैपिटल गेन टैक्स लगाते हैं, इसे हटाने की हमेशा से मांग रही है.”

5 महीनों में 3 लाख करोड़ की बिकवाली

अब मार्केट में जारी इस गिरावट के बीच विदेशी निवेशकों के लिए इक्विटी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स हटाने की फिर से उठने लगी है. पिछले पांच महीनों में, विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में ₹2.8 लाख करोड़ की बिकवाली की है, जिससे निफ्टी में 15% से अधिक की गिरावट आई है.

‘LTCG की दरों में बदलाव जरूरी’

कम्प्लीट सर्किल वेल्थ सॉल्यूशंस के सीआईओ गुरमीत चड्ढा ने कहा, “हमें टैक्सेशन में ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धी होने की आवश्यकता है, इसलिए मेरा मानना है कि एलटीसीजी पर फिर से विचार किया जाना चाहिए. अगर इसे पूरी तरह से माफ नहीं किया जाता है तो इसमें कुछ बदलाव करना फायदेमंद हो सकता है.”

इससे पहले दिग्गज निवेशक समीर अरोड़ा ने भी सरकार के कैपिटल गेन टैक्स को “सबसे बड़ी गलती” बताया है. उन्होंने कहा कि यह गलती बाजार में बड़े पैमाने पर शेयरों की बिकवाली का कारण बन रही है. अरोड़ा ने कहा, “सरकार ने जो सबसे बड़ी गलती की है, वह है कैपिटल गेन टैक्स, खासकर विदेशी निवेशकों पर. यह 100% गलत है.”

बजट 2024 में बढ़ाई गई थी दरें

दरअसल, बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैपिटल गेन टैक्स की दरों को बढ़ा दिया था. सरकार ने शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स की दरों ( शेयरों से एक साल के अंदर हुए मुनाफा) को 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया, जबकि लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (एक साल के बाद बुक किया गया प्रॉफिट) की दरों को 10% से बढ़ाकर 12.5% ​​कर दिया गया. हालांकि, LTCG छूट सीमा को बढ़ाकर ₹1.25 लाख प्रति वर्ष कर दिया गया था.

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