देश के भरे हुए हैं अन्‍न भंडार, बंपर गेहूं उत्‍पादन की उम्‍मीद, ज्‍यादा समय की मेहमान नहीं है महंगाई

देश में 2024 के रबी सीजन में 1,132 लाख मीट्रिक टन (LMT) गेहूं का उत्पादन हुआ है और देश में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध है. यही नहीं इस साल भी गेहूं की बुवाई का रकबा पिछले वर्ष की इसी अवधि के 318.33 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 324.38 लाख हेक्टेयर हो गया है. जिसके परिणामस्वरूप इस मौसम में अनाज का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है. सरकार ने यह जानकारी दी है. अधिक उत्पादन की संभावना के चलते आने वाले समय में खाद्य महंगाई में कमी आने की उम्मीद है. वहीं, अच्छे मानसून, न्यूनतम समर्थन मूल्य और इनपुट की पर्याप्त आपूर्ति के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सपोर्ट मिल सकता है.

खाद्य सुरक्षा के प्रबंधन और जमाखोरी को रोकने के लिए केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों/थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए गेहूं पर स्टॉक सीमा लागू की है. गेहूं की कीमत को एक सीमा में रखने के लिए सरकार ने गेहूं के स्टॉक की सीमा को संशोधित किया है, जो कि 31 मार्च, 2025 तक लागू है.

जमाखोरी रोकने को उठाए सख्‍त कदम
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा, “गेहूं का स्टॉक रखने वाली सभी संस्थाओं को गेहूं स्टॉक लिमिट पोर्टल पर पंजीकरण कराना आवश्यक है और हर शुक्रवार को अपने स्टॉक की जानकारी इस पोर्टल पर अपडेट करनी होगी.” अगर किसी स्थिति में स्टॉक करने वाली संस्थाओं के पास तय लिमिट से ज्यादा स्टॉक है, तो उन्हें नोटिफिकेशन के 15 दिनों के अंदर स्टॉक को तय सीमा के अनुसार करना होगा.

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