सैफ अली खान पर हमले के आरोपी की पहचान परेड हुई,पुलिस डीएनए प्रोफाइलिंग के रिजल्ट का इंतजार कर रही है

बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हमले के आरोपी शरीफुल इस्लाम को पुलिस ने बीते दिनों गिरफ्तार किया था. बुधवार को ऑर्थर रोड जेल में शरीफुल इस्लाम की आइडेंटिफिकेशन (पहचान) परेड कराई गई. परेड के दौरान शरीफुल इस्लाम को पहचानने के लिए सैफ की स्टाफ नर्स आरियामा फिलिप और आया जुनू भी वहां पहुंची थीं. बारी-बारी से दोनों के सामने अन्य कैदियों के साथ शरीफुल को भी खड़ा किया गया था.

सैफ अली खान के बांद्रा स्थित घर पर हुए हमले के मामले में उनके छोटे बेटे जहांगीर की देखभाल करने वाली नर्स एल्यामा फिलिप (56) और घरेलू सहायक जुनू ने बुधवार को आर्थर रोड जेल में पहचान परेड के दौरान गिरफ्तार बांग्लादेशी संदिग्ध शरीफुल फकीर (30) की पहचान की. यह परेड तहसीलदार और पांच पंचों की उपस्थिति में आयोजित की गई थी. पुलिस ने बताया कि फिलिप इस मामले में मुख्य गवाह हैं क्योंकि उस पर भी संदिग्ध ने हमला किया था. इससे पहले कि उसने 16 जनवरी को सैफ पर उनके घर में डकैती के प्रयास के दौरान हमला किया था.

कैसे हुई पहचान परेड
पुलिस ने बताया कि पहचान परेड में गवाहों ने लगभग 10 व्यक्तियों की जांच की, जिनमें संदिग्ध भी शामिल था. जिनकी शारीरिक कद काठी जैसे कद, रंग और ऊंचाई समान थीं. पहचान परेड आरोपी को 29 जनवरी को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के एक सप्ताह बाद हुई है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि फिलिप और जुनू ने शरीफुल फकीर की पहचान की जब उन्हें और कुछ अन्य लोगों को जेल में दिखाया गया. दोनों ने बताया कि वही व्यक्ति सैफ और फिलिप पर हमला करने वाला था.

किस रिपोर्ट का वेट कर रही है मुंबई पुलिस
फकीर को 19 जनवरी को तकनीकी निगरानी, जिसमें कॉल डिटेल रिकॉर्ड और इंटरनेट प्रोटोकॉल डेटा रिकॉर्ड (IPDR) के जरिए पकड़ा गया था. उसे 29 जनवरी को 10 दिनों की पुलिस हिरासत के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा गया. पुलिस फकीर की टोपी और फ्लैट में पाए गए अन्य कपड़ों की डीएनए प्रोफाइलिंग के रिजल्ट का वेट कर रही है. पसीने के सबूत और खून के नमूनों का विश्लेषण खान, फिलिप और फकीर के कपड़ों से किया जा रहा है.

टेक्निकल एविडेंस में मोबाइल लोकेशन डेटा और IPDR शामिल हैं, जो उसकी उपस्थिति को  रेस्तरां में पुष्टि करते हैं, जहां वह काम करता था. फकीर की गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताते हुए एक अधिकारी ने कहा कि फकीर ने बांद्रा वेस्ट में एक रेस्तरां में तीन दिनों तक काम किया, जो सतगुरु शरण के बहुत करीब है. रेस्तरां में काम करते समय उसने बांद्रा और खार इलाकों की रेकी की. मालिक के साथ विवाद के बाद उसने नौकरी छोड़ दी. 16 जनवरी को, वह बांद्रा स्टेशन से सतगुरु शरण तक पैदल चला. इसी दौरान उसने डकैती की योजना बनाई.

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