10 साल में पहली बार विदेश से न कोई चिंगारी, न कोई शरारत…बजट सत्र से पहले मोदी का विपक्ष पर हमला

मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करने को तैयार है. आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है. बजट सत्र से पहले अपने संबोधन में पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा. पीए मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 10 साल में यह पहला सत्र है, जब विदेश से कोई शरारत नहीं हुई है. विदेश से हमेशा आग लगाने की कोशिश हुई है. यहां बैठे कुछ लोग हमेशा उस आग को हवा देते रहे हैं. हालांकि, उन्होंने न तो किसी पार्टी का नाम लिया और न ही किसी राजनेता का. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने संकल्प लिया कि 2047 तक देश विकसित भारत बनकर रहेगा.

विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘साथियो, आपने एक बात नोट की होगी. शायद 2014 से अबतक पहला संसद का सत्र है, जिसके एक-दो दिन पहले विदेशी चिंगारी नहीं पनपी है. हमेशा संसद सत्र से पहले विदेश से आग लगाने की कोशिश हुई है. 10 साल से देख रहा हूं. हर सत्र से पहले विदेश में शरारत करने को तैयार बैठे रहते हैं. यहां उसे हवा देने वालों की कमी नहीं है. यह पहला सत्र है, जिसमें किसी भी विदेशी कोने से कोई चिंगारी नहीं भड़की है और न कोई शरारत हुई है.’

जानिए पीएम मोदी ने अपने संबोधन में और क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा, ‘मां लक्ष्मी हमें सिद्धि और विवेक देती हैं. समृद्धि और कल्याण भी देती हैं. मैं प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब एवं मध्यम वर्गीय समुदाय पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहे. आज बजट सत्र के प्रारंभ में मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को प्रणाम करता हूं. और ऐसे अवसर पर सदियों से हमारे यहां मां लक्ष्मी का पुण्य स्मरण किया जाता है. हमारे गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे हुए हैं और ये हर देशवासी के लिए गौरव के क्षण हैं. विश्व के लोकतांत्रिक जगत के लिए भी भारत का ये सामर्थ्य अपना एक विशेष स्थान रखता है.’

पढ़िए पीएम मोदी का पूरा संबोधन
‘मैं मां लक्ष्मी को प्रणाम करता हूं. मां लक्ष्मी हमें सिद्धी और विवेक देती हैं. समृद्धि और कल्याण भी देती है. मैं मां लक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब और मिडिल क्लास समुदाय पर उनकी कृपा रहे. साथियो, हमारे गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे हुए हैं. यह हर देशवासी के लिए सर्वाधिक गौरवपूर्ण है. विश्व के लोकतांत्रिक जगत के लिए भी भारत का यह सामर्थ्य अपना विशेष स्थान बनाता है. साथियो, देश की जनता ने तीसरी बार यह दायित्व दिया है. और यह तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है. और मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे. विकसित भारत का जो संकल्प देश ने लिया है, यह बजट सत्र, यह बजट एक नया विश्वास पैदा करेगा. नई ऊर्जा देगा. यह देश जब आजादी 100 साल मनाएगा तब विकसित होकर रेहगा. 140 करोड़ देशवासी अपने सामुहिक प्रयास से इस संकल्प को परिपूर्ण करेंगे. तीसरे टर्म में हम मिशन मोड में देश को विकास की दिशा में (चाहे भौगोलिक हो, सामाजिक हो या आर्थिक हो) आगे बढ़ते जा रहे हैं. इनोवेशन, इन्क्लूजन और इन्वेस्टमेंट… ये लगातार हमारे आर्थिक गतिविधि के रोडमैप का आधार रहा है. इस सत्र में हमेशा की तरह कई ऐतिहासिक बिल पर सदन में चर्चा होगी. और व्यापक मंथन के साथ वो राष्ट्र की ताकत बढ़ाने का काम करने वाला कानून बनेंगे. खासकर नारी शक्ति के गौरव को पुनर्स्थापित करना. इस सत्र में कई अहम निर्णय लिए जाएंगे.

जब आज के युवा 45-50 साल के होंगे तो वो विकसित भारत का सबसे बड़े बेनिफिशियरी होने वाले हैं. वे उम्र के उस पड़ाव पर होंगे. नीति-निर्धारण की व्यवस्था में उस जगह पर बैठे होंगे. आजादी के बाद जो शताब्दी शुरू होगी, एक विकसित भारत के साथ आगे बढ़ेंगे. इसलिए विकसित भारत के संकल्प की पूर्ति का प्रयास आज जो हमारी युवा पीढ़ी कर रही है, उनके लिए बहुत तोहफा बनने वाला है. जो लोग 1930 में, 42 में आजादी के जंग में जुट गए, पूरी देश की युवा पीढ़ी खप गई. उसका फल 25 साल बाद जो पीढ़ी आई, उसे नसीब हुई. उस जंग में जो नौजवान थे, उनको नसीब हुई. ठीक वैसा ही अब होगा.

इस बजट सत्र में सभी सांसद विकसित भारत को मजबूती देने के लिए अपना योगदान देंगे. खासकर युवा सांसद. उनके लिए यह सुनहरा अवसर है. क्योंकि वो आज सदन में जितनी जागरूकता और भागीदारी बढ़ाएंगे, विकसित भारत का फल वह अपनी नजरों से देखेंगे. इसलिए युवा सांसदों के लिए यह अनमोल अवसर है. साथियो, मैं आशा करता हूं कि देश की आशाओं और आकांक्षों पर खड़े उतरेंगे.

साथियो, आपने एक बात नोट की होगी. शायद 2014 से अब तक पहला संसद का सत्र है, जिसके एक-दो दिन पहले विदेशी चिंगारी नहीं पनपी है. बजट से पहले हमेशा विदेश से आग लगाने की कोशिश हुई है. 10 साल से देख रहा हूं. हर सत्र से पहले शरारत करने से पहले तैयार बैठे रहते हैं. यहां उसे हवा देने वालों की कमी नहीं है. यह पहला सत्र है, जिसमें किसी भी विदेशी कोने से कोई चिनगारी नहीं है. साथियो बहुत-बहुत धन्यवाद.’

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