सरकार ने बताया देश पर कितना कर्ज लदा है? 3 महीने में बढ़ गए 2.52 लाख करोड़ रुपये, कहां हो रहा खर्चा

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था जितनी तेज गति से आगे बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से इस पर विदेशी कर्ज भी बढ़ता जा रहा है. आलम ये है कि देश के पास जितना बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है, उससे ज्‍यादा विदेशी कर्ज लद गया है. यह आंकड़ा किसी और ने नहीं खुद सरकार ने जारी किया है. इस आंकड़े की मानें तो देश के हर नागरिक पर करीब 5 डॉलर का कर्जा लदा हुआ है. इसमें महज 3 महीने यानी जुलाई से सितंबर तक ही 2.52 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है.

वित्‍त मंत्रालय ने बताया कि भारत का विदेशी कर्ज इस साल सितंबर में बढ़कर 711.8 अरब डॉलर हो गया. यह जून, 2024 की तुलना में 4.3 प्रतिशत अधिक है. सितंबर, 2023 के अंत में विदेशी कर्ज 637.1 अरब डॉलर था. वित्‍त मंत्रालय ने ‘भारत की तिमाही विदेशी ऋण’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा है कि सितंबर, 2024 में देश का विदेशी कर्ज 711.8 अरब डॉलर था, जो जून, 2024 के मुकाबले 29.6 अरब डॉलर (करीब 2.52 लाख करोड़ रुपये) अधिक है.

जीडीपी का 19 फीसदी पहुंचा कर्ज
रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर, 2024 में विदेशी कर्ज और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात 19.4 प्रतिशत था, जो जून, 2024 में 18.8 प्रतिशत था. सितंबर, 2024 की स्थिति के अनुसार भारत के विदेशी कर्ज में 53.4 प्रतिशत के साथ अमेरिकी डॉलर में ऋण की हिस्सेदारी सबसे अधिक रही. इसके बाद भारतीय रुपया (31.2 प्रतिशत), जापानी येन (6.6 प्रतिशत), एसडीआर (विशेष आहरण अधिकार) (5 फीसदी) और यूरो (3 फीसदी) का स्थान रहा.

केंद्र, राज्‍य के साथ प्राइवेट कर्ज भी बढ़ा
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र एवं राज्य सरकारों के साथ गैर-सरकारी क्षेत्र का बकाया विदेशी कर्ज सितंबर, 2024 के अंत में जून, 2024 की तुलना में बढ़ा है. बाहरी कर्ज में लोन ही सबसे बड़ा घटक रहा है. इसकी हिस्सेदारी 33.7 प्रतिशत थी. इसके बाद मुद्रा और जमा (23.1 फीसदी), व्यापार कर्ज और अग्रिम (18.3 फीसदी) और ऋण प्रतिभूतियां (17.2 फीसदी) का स्थान रहा.

हर आदमी पर कितना कर्जा
देश पर लदे कुल विदेशी कर्ज के अनुपात को देखा जाए तो भारत के हर नागरिक पर कर्जा लदा हुआ है. सितंबर, 2024 के अंत में मूल राशि और ब्याज भुगतान वर्तमान प्राप्तियों का 6.7 प्रतिशत था, जबकि जून, 2024 में यह 6.6 प्रतिशत था. फिलहाल कुल विदेशी कर्ज 712 अरब डॉलर है और जनसंख्‍या 1.40 अरब है तो इस लिहाज से हर व्‍यक्ति पर करीब 5 डॉलर (करीब 430 रुपये) का कर्ज लदा हुआ है.

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