खदान में ब्लास्ट होते ही थर्राया स्कूल, दीवारों में आ गई दरारें, दहशत में बच्चे
. छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले से चौंकाने वाली खबर है. जिले के जैजैपुर ब्लॉक के तहत आने वाली ग्राम पंचायत अकलसरा के स्कूली बच्चे दहशत में हैं. सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल के ये बच्चे डर के साये में पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं. दरअसल, स्कूल से महज 500 मीटर की दूरी पर ही दो डोलोमाइट खदान संचालित हैं. यहां डोलोमाइट निकालने के लिए खदान संचालक अरविंद सोनी शासन द्वारा तय मानक से कहीं ज्यादा मात्रा में बारूद का इस्तेमाल कर ब्लास्ट करता है. ब्लास्ट से इतना ज्यादा कंपन होता है कि मानो स्कूल में भूकंप आ गया हो. इतना ही नहीं, ब्लास्ट के बाद कंकड़ स्कूल के बाहर खेल रहे बच्चों को लगते हैं. इस वजह से कई बार छात्र घायल हो चके हैं.
इसके साथ ही ब्लास्ट की वजह से स्कूल की बिल्डिंग में दरार आ गई है. जानकारी के मुताबिक, गांववालों ने इस मामले की कई बार जिला प्रशासन को शिकायत की है. लेकिन, किसी भी जिम्मेदार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. अब इस स्कूल के बच्चे दहशत के साए में पढ़ने के लिए मजबूर हैं. बता दें, अकलसरा में प्राकृतिक संपदा डोलोमाइट का भंडार है. इसके उत्खनन के लिए कई कंपनियां काम कर रही हैं. लेकिन, प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता और खनिज विभाग की लचर कार्यशैली के चलते डोलोमाइट उत्खनन करने वालों के हौंसले बुलंद हैं. इन्हें न तो प्रशासनिक अधिकारियों का भय है और न ही खनिज विभाग की कार्रवाई का डर है.
गांववाले भुगत रहे खामियाजा
यही वजह है ये खनिज माफिया शासन के निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए मनमानी से खनन करते हैं. ये रॉयल्टी की जमकर चोरी कर रहे हैं. इसका खामियाजा आसपास के गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. गौरतलब है कि ग्राम पंचायत अकलसरा में डोलोमाइट उत्खनन करने के लिए अरविंद सोनी को 10 एकड़ भूमि का लीज प्राप्त है. लेकिन, वह नियमों का पालन नहीं कर रहा. उसकी अवैध गतिविधि की वजह से अकलसरा और खम्हरिया कच्ची सड़क पूरी तरह से जर्जर हो गई है. आम लोगों का इस रास्ते पर चलना मुश्किल है. इतना ही नहीं खदान संचालक ने गांव के वैजंती नाले को पाट कर उसमें धर्मकांटा लगा दिया है.
साक्ष्यों को देखेंगे- खनिज अधिकारी
इस मामले को लेकर खनिज अधिकारी केके बंजारे ने कहा कि इस मामले को दिखवाएंगे. जो भी साक्ष्य सामने आएंगे, उनके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.