किसानों के लिए खुशखबरी: अब धान खरीदी केंद्रों पर माइक्रो एटीएम से तुरंत मिलेगा कैश, नहीं जाना पड़ेगा बैंक

छत्‍तीसगढ़ सरकार ने धान बेचने वाले किसानों को राहत देने के लिए उपार्जन केंद्रों पर माइक्रो एटीएम की सुविधा शुरू की है, जिससे वे 2,000 से 10,000 रुपये तक की नकदी तुरंत निकाल सकेंगे। 14 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। अब तक 55 हजार टन धान की खरीदी हो चुकी है।

HIGHLIGHTS

  1. प्रदेश के 2,739 उपार्जन केंद्रों में हो रही धान खरीदी।
  2. माइक्रो ATM से किसान निकाल सकेंगे 10 हजार रुपये।
  3. 31 जनवरी 2025 तक समर्थन मूल्य पर धान खरीदी जारी।

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ सरकार ने किसानों के हित में एक और बड़ी सुविधा की शुरुआत की है, जिससे धान बेचने वाले किसानों को तत्काल नकदी की समस्या का समाधान मिलेगा। अब उपार्जन केंद्रों पर पहुंचने वाले किसान, माइक्रो एटीएम के जरिए 2,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक की राशि तुरंत निकाल सकेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की इस पहल से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी, जिससे उन्हें अब बैंक की कतार में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी।

धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू

राज्य में 14 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हो चुकी है, जो 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। इस साल सरकार ने किसानों को 72 घंटे के भीतर भुगतान करने की व्यवस्था सुनिश्चित की है, जिससे किसानों को अपने दैनिक खर्चे जैसे किराया, हमाली, और मजदूरी का तुरंत भुगतान किया जा सके। अब किसानों को उपार्जन केंद्रों पर ही माइक्रो एटीएम की सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें नकदी उधार लेने या बैंक जाने की झंझट से मुक्ति मिलेगी।naidunia_image

अब तक 55 हजार टन धान की खरीदी

राज्य में खरीफ विपणन वर्ष के दौरान अब तक 14,562 किसानों से करीब 55 हजार टन धान खरीदा जा चुका है। इस साल कुल 27.68 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीकरण कराया है, जिसमें 1.42 लाख नए किसान भी शामिल हैं। किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल की दर से धान खरीदा जा रहा है, और इसके लिए 2739 उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं।naidunia_image

हेल्पलाइन से मिलेगी मदद

किसानों की शिकायतों और समस्याओं के निवारण के लिए केंद्रों पर हेल्पलाइन नंबर भी लगाए गए हैं। विपणन संघ के मुख्यालय स्तर पर एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जो किसानों की समस्याओं का समाधान करेगा। कंट्रोल रूम का नंबर 0771-2425463 है, जहां किसान अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं।

इस नई सुविधा से न सिर्फ किसानों को अपने दैनिक खर्चों के लिए नकद राशि आसानी से उपलब्ध होगी, बल्कि यह कदम राज्य में कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित होगा।

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