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Hathras Godman: मृतकों में ग्वालियर की महिला भी, अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर ‘भोले बाबा’, जानिए कैसे काली चाय पिलाकर दूर करता था भक्तों के कष्ट

यूपी में हाथरस जिले के फुलरई गांव में यह सत्संग चल रहा था। यहां हाथरस, एटा और कासगंज के साथ ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड से भी श्रद्धालु आए थे। अब सिपाही से साकार बाबा बने सूरजपाल सिंह के राज भी खुलकर सामने आने लगे हैं।

HIGHLIGHTS

  1. यूपी के हाथरस में मंगलवार को मची थी भगदड़
  2. अब तक 121 लोगों की मौत, 20 श्रद्धालु घायल
  3. नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) फरार

एजेंसी, हाथरस (Hathras Satsang Accident)। यूपी के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है। 20 से अधिक घायल हैं। पुलिस जांच में जुटी है।

हादसे हादसे में मरने वालों में मध्य प्रदेश के ग्वालियर की एक महिला भी शामिल है। समाचार एजेंसी ANI पर जारी मृतकों और घायलों की लिस्ट के अनुसार, मृतक महिला का नाम रागश्री पति दयाल सिंह, निवासी जगजीवन नगर, उम्र 45 वर्ष है।

मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि सत्संग के समय करीब 1 लाख लोग मौजूद थे। सत्संग खत्म करने के बाद जैसे ही नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) का काफिला मौके से गुजरा। इसके बाद कुछ भक्त रज (धूल) लेने के लिए नीचे छूके, लेकिन पीछे से भीड़ का दबाव इतना था कि लोग एक दूसरे के ऊपर गिरने लगे। भगदड़ का कारण यही रहा।

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(यह फोटो आगरा का है। पुलिस की नौकरी के दौरान भोले बाबा आगरा में केदार नगर के ईडब्ल्यूएस के मकान में पत्नी के साथ रहता था। आज भी लोग यहां माथा टेकते हैं।)

हाथरस में भगदड़ का कारण, यह थ्योरी भी चर्चा में

कुछ अन्य लोगों का कहना है कि सत्संग का आयोजन चारों तरफ से बंद टेंट में हो रहा था। करीब एक लाख लोग जुटने के कारण गर्मी और उमस हो रही थी। लोग घबराने लगे थे।

सत्संग खत्म होने के बाद भीड़ ने टेंट से बाहर निकलने की कोशिश की। टेंट के ठीक बाहर दोपहिया वाहन खड़े थे। इस कारण लोगों को निकलने की जगह नहीं मिली।

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हेल्पलाइन नंबर जारी

  • 05722227041
  • 05722227042

काली चाय पिलाकर दूर करता था कष्ट

भोले बाबा को जानने वाले बताते हैं कि वह अपने सत्संग के दौरान भक्तों को काली चाय पिलाता था और दावा करता था कि इससे उनके कष्ट दूर हो जाएंगे। काली चाय को लेकर भक्तों में इतना विश्वास था कि वे साल-साल भर इंतजार करते थे। इसी तरह, बाबा के चरणों रज (धूल) लेने का भी रिवाज था, जिसके लिए भक्त किसी भी हद तक चले जाते थे। जहां से बाबा का काफिला निकलता था, लोग लेट जाते थे।

किलेनुमा अंदाज में बनाया आश्रम, शाही सुविधाएं, देखिए तस्वीरें

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सिपाही से साकार बाबा बने सूरजपाल सिंह की शान-ओ-शौकत उसके किलेनुमा अंदाज में बने आश्रम से दिखाई देती है। यूपी में पटियाली-सिढ़पुरा मार्ग स्थित इस आश्रम की बाहरी दीवारें सफेद रंग की हैं। इसी कारण व्हाइट हाउस नाम पड़ा है। ऊंचाई इतनी है कि बाहर से कोई झांक भी न सके।

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एक हेक्टेयर क्षेत्र में फैला यह आश्रम बाबा की पुश्तैनी जमीन पर बना है। 1992 में आश्रम की स्थापना की गई थी। पहले खुली जमीन थी। धीरे-धीरे शाही अंदाज में निर्माण कार्य होता गया। इसी परिसर में विशाल रसोई गृह भी है। हर माह के पहले मंगलवार को विशाल सत्संग होता है। भोजन-प्रसाद भी बनता है।

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