CG Election 2023: महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद महिलाओं का बढ़ेगा चुनावी कद, आधी आबादी पर दलों का फोकस

HIGHLIGHTS

  1. महिलाओं को टिकट देने में छत्‍तीसगढ़ की स्थिति रही है बेहतर
  2. चुनाव में पहली बार महिलाएं राजनीतिक दलों की प्राथमिकता में
  3. छत्‍तीसगढ़ की विधानसभा में 18 प्रतिशत हैं महिला विधायक

रायपुर। CG Vidhan Sabha Chunav 2023: विधानसभा चुनाव में पहली बार महिलाएं राजनीतिक दलों की प्राथमिकता में आ गई हैं। संसद में महिला आरक्षण बिल आने के बाद कांग्रेस और भाजपा का फोकस आधी आबादी पर हो गया है। भाजपा जहां महिला आरक्षण को लेकर चुनाव मैदान में हैं, तो भूपेश सरकार में महिलाओं के हित में हुए काम को लेकर कांग्रेस ताल ठोंक रही है। चुनावी सभाओं में अब इसकी गूंज सुनाई देने लगी है। हाल यह है कि टिकट बंटवारे में भी इसकी धमकी दिखेगी और बड़े राजनीतिक दल पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारेंगे।

प्रदेश की विधानसभा में 18 प्रतिशत महिला विधायक हैं, जो देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर है। प्रदेश की विधानसभा में वर्तमान में 16 महिला विधायक हैं। छत्तीसगढ़ की पहली विधानसभा वर्ष 2000 में 90 में से छह सीटों पर महिला विधायक थीं। दूसरी विधानसभा में भी छह महिला विधायक जीतीं। वर्ष 2008 के चुनाव में 12, 2013 के चुनाव में 10 सीटों पर महिला विधायक जीतकर आईं। प्रदेश की दो विधानसभा सीट ऐसी है, जहां महिला प्रत्याशियों ने निर्दलीय ताल ठोंका। इसमें रायपुर दक्षिण से आठ और रायपुर पश्चिम से सात महिला प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। हालांकि इसमें से किसी को जीत नहीं मिली।

उपचुनाव से ही महिला प्रत्याशी की शुरुआत

कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार आने के बाद हुए उपचुनाव में महिला नेत्रियों को प्रत्याशी बनाने की शुरुआत कर दी थी। दंतेवाड़ा में भीमा मंडावी की नक्सली हत्या के बाद भले ही कांग्रेस ने वहां से परंपरागत देवती कर्मा को उम्मीदवार बनाया हो, लेकिन खैरागढ़ और भानुप्रतापपुर उपचुनाव में उन महिला नेत्रियों को मौका दिया गया, जो पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरीं। खैरागढ़ से यशोदा वर्मा और भानुप्रतापपुर से दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को उम्मीदवार बनाया गया था। चुनाव लड़ने से पहले सावित्री शिक्षक थीं और कोई भी चुनाव नहीं लड़ी थीं।

इन योजनाओं के दम पर मैदान में कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए पहले दिन से ही काम करना शुरू कर दिया था। प्रदेश के सभी जिलों में गोठान बनाया गया, जिसमें महिला स्वयंसहायता समूह को काम दिया गया। गोठान को विकसित करके रुरल डेवलपमेंट इंस्ट्रीयल पार्क शुरू किया गया। यह महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में क्रांतिकारी कदम था। इसके साथ ही उद्योग नीति में बदलाव करके महिला हितैषी बनाया गया। महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री में छूट दी गई। दाई-दादी क्लीनिक, हाट बाजार क्लीनिक खोलकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के स्वास्थ्य का ख्याल रखा गया।

भाजपा को मोदी सरकार की योजनाओं पर भरोसा

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू करके महिलाओं को सामाजिक बराबरी का हक दिलाया। मुस्लिम बहनो के लिए तीन तलाक कानून, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं में महिलाओं को मजबूत किया गया। उज्ज्वला के गैस सिलेंडर देकर धुएं से आजादी दिलाई गई। इस योजना से हर घर की महिलाओं को लाभ मिला।

भाजपा की पहली सूची में पांच महिला प्रत्याशी

भाजपा ने 21 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है, जिसमें पांच महिला प्रत्याशी हैं। भाजपा ने भटगांव से लक्ष्मी राजवाड़े, प्रतापपुर से शकुंतला पोर्ते, सरायपाली से सरला कोसरिया, खल्लारी से अलका चंद्राकर और खुज्जी से गीता साहू को प्रत्याशी बनाया है। बसपा की नौ प्रत्याशियों की पहली सूची में पामगढ़ से वर्तमान विधायक इंदू बंजारे को टिकट दिया गया है। वहीं, आम आदमी पार्टी की घोषित दस सीट में से एक पर भी महिला को प्रत्याशी नहीं बनाया गया है।

दो सीट जहां कांग्रेस-भाजपा से महिला प्रत्याशी

सारंगढ़- कांग्रेस- उत्तरी जांगड़े- भाजपा- केराबाई मनहर

तखतपुर-कांग्रेस- रश्मि सिंह- भाजपा-हर्षिता पांडेय

वर्ष- कांग्रेस प्रत्याशी-जीत, भाजपा प्रत्याशी-जीत

2003- 08- 00 – 06- 04

2008-10- 05- 10-06

2013- 12- 04- 10- 06

2018-13-12-14-01

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