निर्जला एकादशी पूजा में इस तरह शामिल करें तुलसी के पत्ते.
Nirjala Ekadashi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार साल में 24 एकादशी पड़ती हैं. एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि एकादशी का व्रत करने और एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने पर भक्तों के सभी कष्ट श्री हरि हर लेते हैं. ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में निर्जला एकादशी पड़ रही है. निर्जला एकादशी की विशेष धार्मिक मान्यता है. इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के साथ-साथ मां लक्ष्मी का पूजन भी किया जाता है. वहीं, एकादशी पूजा में तुलसी की पत्ते भी शामिल किए जाते हैं. तुलसी (Tulsi) को धार्मिक मान्यताओं में तुलसी माता कहा जाता है. वहीं, तुलसी माता विष्णु भगवान की प्रिय मानी जाती हैं. ऐसे में भक्त र्जला एकादशी के दिन तुलसी उपाय करके भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं.
एकादशी पूजा में तुलसी उपाय
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह में एकादशी तिथि 30 मई दोपहर 1 बजकर 7 मिनट से शुरू हो रही है. 31 मई, बुधवार के दिन इस बार निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाना है. इस व्रत के दिन सर्वाद्ध सिद्धि योग सुबह 5 बजकर 24 मिनट से सुबह 6 बजे तक रहेगा.
माना जाता है कि भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी के पत्ते इस्तेमाल करने पर भक्तों को विशेष लाभ मिल सकता है. तुलसी के पत्तों को पूजा में भोग स्वरूप चढ़ाए जाने वाले चरणामृत में डाला जा सकता है. इस चरणामृत को ही प्रसाद स्वरूप दिया जा सकता है. पंजीरी के भोग में भी तुलसी के पत्ते डाले जा सकते हैं.
निर्जला एकादशी के दिन विष्णु भगवान की पूजा के पश्चात तुलसी के पौधे की परिक्रमा की जा सकती है. तुलसी की 11 बार परिक्रमा करना शुभ होता है. इस दिन तुलसी के समक्ष दीया जलाने को भी अच्छा माना जाता है. कहते हैं ऐसा करने से पारिवारिक कठिनाइयां दूर होती हैं.
माना जाता है कि प्रेम जीवन में जिनके मुश्किलें चल रही हों वे लोग माता तुलसी (Tulsi Mata) पर लाल चुनरी चढ़ा सकते हैं. एकादशी के दिन ऐसा करना अत्यंत शुभ और फलदायी कहा जाता है.