कांकेर हादसे में घायल छात्र मेकाहारा में भर्ती
कांकेर के कोरर में हुए भीषण सड़क हादसे में घायल स्कूली छात्र को गुरुवार देर रात रायपुर लाया गया। 8 साल के गौतम कुमार मंडावी को अंबेडकर अस्पताल में एडमिट किया गया है। इस सड़क हादसे ने 7 बच्चों की जान ले ली। वहीं एक बच्चा गौतम और ऑटो का ड्राइवर भावेश पोया गंभीर रूप से घायल है, जिनका इलाज किया जा रहा है। पुलिस ने आरोपी ट्रक ड्राइवर दीपक साहू को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
इधर घायल बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि गौतम का इलाज कैजुअल्टी विभाग में करने के बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। उसका इलाज क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) में किया जा रहा है। 4 डॉक्टरों की टीम बच्चे की सेहत पर नजर रख रही है। वहीं ऑटो ड्राइवर भावेश पोया की हालत भी गंभीर है।
गौतम के सिर समेत शरीर के कई हिस्सों में फ्रैक्चर हुआ है और उसकी हालत गंभीर है। वहीं जिन 7 बच्चों की मौत हुई, उनमें से 5 बच्चों का अंतिम संस्कार गुरुवार रात को ही कर दिया गया है। 2 बच्चे मानव साहू और कुमकुम साहू के शव को उनके पैतृक गांव बालोद के गुरुर विकासखंड के धनेली ग्राम लाया गया। सातों बच्चों के शवों को उनके गांवों में दफनाया गया। बच्चों की मौत से पूरे जिले में शोक का माहौल है।
बालोद के ग्राम धनेली में शुक्रवार सुबह 2 बच्चों का अंतिम संस्कार
2 बच्चों मानव साहू और कुमकुम साहू का पैतृक गांव बालोद जिले के गुरूर विकासखंड में है। शुक्रवार सुबह इन दोनों भाई-बहन का अंतिम संस्कार गुरूर विकासखंड के ग्राम धनेली में किया गया। गुरूर के ग्राम धनेली में भाई-बहन की मौत से परिवार सदमे में है। भाई मानव साहू (6 वर्ष) कांकेर के बीएसएन डिजिटल पब्लिक स्कूल में दूसरी कक्षा का छात्र था। वहीं उसकी बहन कुमकुम साहू (8 वर्ष) कक्षा चौथी में पढ़ती थी।
विधायक संगीता सिन्हा पहुंचीं पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने
संजारी-बालोद की विधायक संगीता सिन्हा पीड़ित परिजनों के दुख में शामिल होने के लिए शुक्रवार सुबह उनके ग्राम धनेली स्थित घर पहुंचीं। वे दोनों भाई-बहन के शव के पास बैठीं और परिवार के साथ संवेदना जताते हुए उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। पड़ोसियों ने बताया कि दोनों बच्चे मानव और कुमकुम का परिवार मूल रूप से बालोद जिले का रहने वाला है, लेकिन उन्होंने कांकेर के कोरर क्षेत्र में घर खरीदा था और वहीं खेती करते थे। बच्चों के पिता महेश्वर साहू और मां का रो-रोकर बुरा हाल है और लोग उन्हें संभालने की कोशिश कर रहे हैं।