आरक्षण विधेयक पर मुख्यमंत्री ने फिर उठाया सवाल
आरक्षण विधेयक पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिर से एक बार राजभवन की भूमिका पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, विधानसभा में पारित बिल विधानसभा की संपत्ति कहलाती है।
राजभवन में बिल लटका हुआ है। हमसे सवाल पूछा जा रह है। राज्यपाल को चाहिए कि या तो वे बिल पर हस्ताक्षर कर दें या फिर विधानसभा को लौटा दें।
भाजपा के लोग राज्यपाल से विधेयक पर हस्ताक्षर करने की मांग क्यों नहीं कर रहे हैं, क्योंकि एकात्म परिसर से उन्हें पर्ची भेजी जा रही है इसलिए गड़बड़ हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा नेताओं के दो मुंह हैं। एक मुंह से वे विधानसभा में आवाज उठाते हैं और दूसरा मुंह, जो बाहर सुनाई देता है।
सीएम ने कहा, एक महीने बाद भी राज्यपाल की हठधर्मिता है। नौकरी करने और पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले प्रदेशभर के छात्र- छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।