भानुप्रतापपुर उप चुनाव को लेकर, बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी बयानबाजी का दौर जारी
भानुप्रतापपुर उप चुनाव को लेकर दोनों प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी बयानबाजी का दौर जारी है। राजनीतिक पार्टी के नेता लगातार एक-दूसरे पर हमलावार हो रहे है। उप चुनाव में आदिवासी आरक्षण का मुद्दा जमकर उठ रहा है। विपक्षी पार्टियां और आदिवासी समाज लगातार आरक्षण में कटौती होने से सरकार को कोसने में लगे हैं। इस बीच सांसद मंडावी भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
कांकेर सांसद मोहन मंडावी ने छत्तीसगढ़ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि, प्रदेश की कांग्रेस सरकार आदिवासी आरक्षण में कटौती का जिम्मेदार है। साथ ही सरकार पर पिछड़े वर्ग को भी आरक्षण के नाम पर धोखा देने का आरोप लगाया है। सांसद मंडावी ने कहा कांग्रेस सरकार ने आदिवासी समाज के आरक्षण को कोर्ट में याचिका लगाकर रोकने वाले व्यक्ति को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे रखा है इसी प्रकार पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को रोकने वाले राज्यमंत्री का दर्जा दिया है। इससे यह बात साफ है कि, कांग्रेस आदिवासी वर्ग के साथ नहीं है और ना ही पिछड़ा वर्ग के साथ।
सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से खड़े हो
सांसद मंडावी ने ये भी कहा कि, कांग्रेस सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पूरी तैयारी के साथ खड़े होने की जरूरत है। जिससे आरक्षण पर मजबूत तर्क हो। लेकिन सरकार विधानसभा बुलवाकर केवल दिखावा कर रही है और आदिवासियों में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है। इसके बाद उन्होंने भानूप्रतापपुर में अव्यवस्था का ठिकरा सरकार पर फोड़ा है। पिछले 4 सालों में बिजली कटौती होना,लचर स्वास्थ्य व्यवस्था और गरीबों को मकान न मिलने की बात कही है। साथ ही कहा कि, केंद्र सरकार ने जो नल कनेक्शन के लिए राज्य सरकार को पैसे भेजें उसका भी लाभ गरीबों को नही मिला।
धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर भी सांसद मोहन मंडावी ने सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा आदिवासियों से उनकी संस्कृति सरकार छीन रही है। और धर्मांतरण को बढ़ावा दे रही है। सड़क मार्ग के संबंध में कहा कि भानुप्रतापपुर से अंतागढ़ व चारामा की सड़कों की हालात खराब हो चुकी है। सरकार ने अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया है।