दशहरे के दिन इस पक्षी के दर्शन मात्र से होते हैं सारी मनोकामनाएं पूरी

दशहरे के दिन अगर हो जाये इस पक्षी के दर्शन,तो पूर्ण हो जाएगी सभी मनोकामना, जानें क्या वजह…

नई दिल्ली, विजयदशमी/ दशहरा आज यानि 5 अक्टूबर दिन बुधवार को मनाया जा रहा है, दशहरा के दिन श्रवण नक्षत्र होने से छत्र योग बनता है जो अत्यंत कल्याणकारी होता है। इसे विजयदशमी भी कहते हैं। दशहरा के दिन रावण दहन की परंपरा है। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन उपायों का काफी महत्व है। इस दिन जातक कुछ उपायों को कर आर्थिक संकट, कर्ज, स्वास्थ्य और वैवाहिक परेशानी से छुटकारा पा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने से व्यक्ति की सभी इच्छा पूरी हो जाती है। आइए जानते हैं नीलकंठ के दर्शन के महत्व के बारे में।

ऐसा कहा जाता है कि रावण के वध के बाद श्रीराम पर ब्राह्मण हत्या का पाप लगा था। तब भगवान राम और लक्ष्मण ने भोलेनाथ की आराधना की और पाप से मुक्ति के लिए आह्वान किया। उस समय शिवजी नीलकंड के रूप में धरती पर थे। इस कारण से नीलकंठ पक्षी के दर्शन को शुभ माना गया है।

नीलकंठ पक्षी दिखने पर करें ये काम

अगर दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी दिख जाएं तो मंत्र (कृत्वा नीराजनं राजा बालवृद्धयं यता बलम्। शोभनम खंजनं पश्येज्जलगोगोष्ठसंनिघौ।। नीलग्रीव शुभग्रीव सर्वकामफलप्रद। पृथ्वियामवतीर्णोसि खच्चरीट नमोस्तुते।।) का जाप करें।

नीलकंठ के दर्शन का पौराणिक महत्व

दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन शुभ मानने की एक पौराणिक कथा है. इस पक्षी को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. पुराणों के अनुसार रावण का वध करने के बाद भगवान राम पर ब्रह्माण हत्या का पाप लगा था. इससे पाप से मुक्ति पाने के लिए प्रभु राम ने भगवान शिव की आराधना की थी. राम को इस पाप से मुक्ति दिलाने के लिए शिव जी नीलकंठ पक्षी के रूप में ही प्रकट हुए थे.तभी से दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना शुभ माना जाता है.

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