मंकी पाक्स का खतरा: सीआइएसएफ के दो और जवानों में मिले शुरुआती लक्षण
जगदलपुर. छत्तीसगढ़ के जगदलपुर मेडिकल कालेज डिमरापाल में आठ अगस्त को सीआइएसएफ के दो और जवान को मंकी पाक्स का आरंभिक लक्षण पाए जाने पर उपचार के लिए लाया गया है। उन्हें मेडिसिन वार्ड एक के आइसोलेशन में रखा गया है। इनमें से एक जवान जहां किरंदुल में तैनात था जबकि दूसरा जवान अभी हाल ही में विशाखापत्तनम से छुट्टी मनाकर लौटा है। इनके सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं।
ज्ञात हो कि दो दिन पहले सीआइएसएफ के दो जवान मंकी पाक्स के शुरुआती लक्षण के चलते यहां लाया गया था। उनका उपचार विशेष आइसोलशन वार्ड में करवाया जा रहा है। अब मेकाज में इसके चार संदिग्ध मरीज हो गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार सीआइएसएफ के दो जवानों के शरीर पर मंकी पाक्स के लक्षण जैसे चट्टेदार दाने उभरे थे। उन्हें दंतेवाड़ा जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से मेकाज रेफर किया गया। मेकाज में डाक्टरों ने तत्काल दोनों जवानों की ट्रेवल हिस्ट्री पूछी।
इसके बाद एक जवान ने बताया कि वह हाल ही में विशाखापत्तनम से छुट्टी मनाकर लौटा है जबकि दूसरा जवान बचेली में ही था, और कहीं बाहर नहीं गया था। जैसे ही डाक्टरों को जवान की ट्रेवल हिस्ट्री पता चली तो फिर इनका मंकी पाक्स जांच करवाने का फैसला लिया गया। दोनों जवानों के नमूनों को पुणे स्थित एनआइवी (नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी ) लैब में जांच के लिए भेजा गया है।
मेडिकल कालेज के अधीक्षक डा. नवीन दुल्हानी ने बताया कि दो जवान हास्पिटल में भर्ती हुए हैं। इनके शरीर में दाने निकल आए हैं। दानों में लिमफोल्ड नहीं है, लेकिन लक्षण मंकी पाक्स जैसे हैं। उन्होंने कहा हो सकता है कि दोनों जवान चिकन पाक्स या मीजेल्स के शिकार भी हो सकते हैं। डाक्टर नवीन ने बताया कि राहत की बात यह है कि सबसे ज्यादा दाने इनके सीने और पेट के पास ही मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि इनके सैंपल की जांच के लिए पुणे लैब भेजा गया है वहां से दो दिनों में रिपोर्ट आ जाएगी इसके बाद स्थिति साफ होगी कि जवान कौन से बीमारी की चपेट में हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। मंकी पाक्स सहित अन्य सभी बीमारियों का इलाज संभव है। बस लोगों को इस तरह की बीमारियों से बचाव के लिए उपाय करना है।