क्या विदेशी निवेशकों को भारतीय कंपनियों में नहीं रहा भरोसा? निकाल दो ये वहम, पैसा लेकर लाइन में खड़ी बिग मनी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा माहौल पैदा कर दिया है कि विदेशी निवेशक अब भारतीय कंपनियों से दूर जाते नजर आ रहे हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. अमेरिका ही नहीं, यूरोप के बड़े निवेशक भी भारत के विकास और भारतीय कंपनियों में भरोसा जता रहे हैं. ताजा खबर अडानी ग्रुप से जुड़ी हुई है, जो भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर को अंतरराष्ट्रीय और मजबूत बनाने के काम में लगा हुआ है. दरअसल, अमेरिका और यूरोप के प्रमुख वित्तीय संस्थान, हेज फंड और प्राइवेट क्रेडिट इंस्टीट्यूट्स (लोन देने वाली निजी संस्थाएं) ब्लैकरॉक के साथ मिलकर हाल ही में अदानी ग्रुप के 750 मिलियन डॉलर के प्राइवेट बॉन्ड इशू में निवेश कर रहे हैं.

बता दें कि अमेरिका के न्याय विभाग ने नवंबर में अदानी ग्रुप पर अपने प्रोजेक्ट्स पास कराने के लिए भारत में अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया था. उसके बाद से यह अडानी ग्रुप का सबसे बड़ा फंडरेजिंग है. पिछले सप्ताह अदानी ग्रुप ने पैसा जुटाने की घोषणा की थी, लेकिन निवेशकों के नाम, प्राइसिंग और बॉन्ड की अवधि की जानकारी नहीं दी थी.

इकॉनमिक्स टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा कि लंदन के एक बॉन्ड निवेशक ने कहा, “ब्लैकरॉक का शामिल होना बहुत बड़ी बात है. ये सभी SEC-रेगुलेटेड संस्थान हैं. इनका शामिल होना ग्रुप के लिए बड़ी स्वीकृति है.” कुछ समय पहले, अदानी ग्रुप को डॉलर बॉन्ड इशू को लास्ट टाइम में कैंसिल करना पड़ा था, क्योंकि बाजार में उथल-पुथल चल रही थी. लेकिन अब पहली बार समूह हाई-यील्ड क्रेडिट मार्केट में ऑनशोर अधिग्रहण के लिए आ रहा है.

ब्लैकरॉक सबसे बड़ा निवेशक
दुनिया में सबसे ज्यादा एसेट मैनेज करने वाली कंपनी ब्लैकरॉक ने पूरी रकम का एक-तिहाई हिस्सा खरीदा. यही इसका सबसे बड़ा निवेशक था. अन्य निवेशकों में फैरलॉन कैपिटल मैनेजमेंट, एल्हम कैपिटल, सोना एसेट मैनेजमेंट और किंग स्ट्रीट कैपिटल शामिल हैं. इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि इस बॉन्ड से निवेशकों को 14 फीसदी डॉलर रिटर्न मिलेगा.

ब्लैकरॉक और अन्य सभी एसेट मैनेजरों ने पहले अडानी के ऑस्ट्रेलियाई पोर्ट ऑपरेशंस के लिए 200 मिलियन डॉलर के लोन में भाग लिया था. यह भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में ब्लैकरॉक का पहला प्राइवेट प्लेसमेंट होगा. फंड्स को आईटीडी सिमेंटेशन इंडिया (ITD Cementation India) के अधिग्रहण के लिए जुटाया गया था.

पिछले सितंबर में अदानी ग्रुप ने आईटीडी सिमेंटेशन इंडिया में 46.64 फीसदी हिस्सेदारी 5,888.57 करोड़ रुपये में खरीदी थी. रिन्यू एक्जिम (Renew Exim) ने खुले प्रस्ताव के जरिए 400 रुपये प्रति शेयर पर और 20.81 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी. सौदे के पूरा होने पर, रिन्यू एक्जिम के पास आईटीडी सिमेंटेशन का 67.45 फीसदी हिस्सा होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, अदानी ग्रुप और एल्हम कैपिटल ने किसी भी तरह से प्रतिक्रिया नहीं दी. फैरलॉन, किंग स्ट्रीट और सोना एसेट मैनेजमेंट ने टिप्पणी करने से मना कर दिया.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button