तहव्वुर राणा और डेविड हेडली के बीच कितनी बार हुई बातचीत? मुंबई अटैक पर खुलासे से सब हैरान, अब मकसद जानेगी NIA

मुंबई अटैक के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से 166 लोगों की मौत का हिसाब हो रहा है. एनआईए की कस्टडी में उससे पूछताछ हो रही है. उससे मुंबई हमले का पूरा राज उगलवाने की कोशिश जारी है. शुक्रवार को आतंकी तहव्वुर राणा से पूछताछ का पहला दिन था. लंबी यात्रा की वजह से पहले दिन कम ही पूछताछ हुई. मगर आज ताबड़तोड़ पूछताछ होगी. एनआईए की टीम सवालों की लिस्ट लेकर तैयार है. हेडली से तहव्वुर का कनेक्शन, पाकिस्तानी आईएसआई और लश्कर के रोल का सच सामने आएगा. इस बीच आतंकी तहव्वुर राणा और हेडली को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. एनआईए सूत्र का कहना है कि आतंकी तहव्वुर राणा और हेडली के बीच करीब 231 बार फोन कॉल पर बातचीत हुई थी.

जी हां, एनआईए सूत्र के मुताबिक, 26/11 मुंबई हमला से पहले आतंकी हेडली और तहव्वुर राणा के बीच 231 बार मोबाइल के जरिए बातचीत हुई थी. जांच एजेंसी NIA की टीम इस मामले में तफ्तीश कर रही है. तहव्वुर राणा से मुंबई हमले के पहले 231 कॉल डिटेल्स के बारे में भी पूछताछ होगी. आखिर हेडली और राणा के बीच इतनी बार बातचीत का क्या मकसद था, उन दिनों ने और क्या-क्या प्लान किया था, क्या-क्या इनपुट एक-दूसरे से शेयर किया था, इन सबका सच एनआईए सामने लाएगी. आज यानी शनिवार को आतंकी डेविड हेडली का तहव्वुर राणा से जुड़े बेहद करीबी कनेक्शन पर ही पूछताछ होने वाली है.

शुक्रवार को हुई पूछताछ
एनआईए ने मुंबई हमलों के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए शुक्रवार को मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा से पूछताछ शुरू की. तहव्वुर राणा का भारत में पूछताछ का पहला दिन था. गुरुवार को भारत लाए गए राणा को पटियाला हाउस कोर्ट ने 18 दिन की एनआईए रिमांड में भेजा. इसके बाद शुक्रवार तड़के उसे एनआईए हेडक्वार्टर लाया गया. तहव्वुर राणा को सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित आईएनए मुख्यालय के अंदर हाई सिक्योरिटी वाली एक कोठरी में रखा गया है, जहां चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मी उसकी सुरक्षा में तैनात हैं.

राणा की कड़ी निगरानी
आतंकी राणा की चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है और उसे भोजन जैसी बुनियादी जरूरतें मुहैया कराई गई हैं. इस जांच का नेतृत्व एनआईए की उपमहानिरीक्षक जया रॉय कर रही हैं, जो मुख्य जांच अधिकारी भी हैं. मुंबई हमलों में कुल 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे. ऐसा माना जाता है कि पूछताछ का उद्देश्य हमलों की साजिश रचने वाले पाकिस्तान आधारित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के साथ राणा के संभावित संबंधों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना है.

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