मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने स्वर्गीय जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय का भूमिपूजन किया

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज स्वर्गीय जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय का भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री ने मंच पर भगवान श्री राम, भारत माता, बिरसा मुंडा, स्वर्गीय जगदेव राम उरांव और स्वर्गीय बाला साहब देशपांडे के छायाचित्र पर पुष्पगुच्छ अर्पित कर उन्हें नमन किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री साय ने ‘सेवांकुर भारत: एक सप्ताह देश के नाम’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने इस कार्यक्रम के तहत आदिवासी क्षेत्रों में किए जा रहे सेवाभाव की सराहना की।

इस अवसर पर एनटीपीसी लारा के महाप्रबंधक श्री रविशंकर ने कलेक्टर श्री रोहित व्यास को जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय के निर्माण के लिए 35 करोड़ 53 लाख रुपये का चेक प्रदान किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जनजातीय लोगों के सेवाकार्य और इन क्षेत्रों के विकास में स्वर्गीय जगदेव राम उरांव, स्वर्गीय बाला साहब देशपांडे, स्वर्गीय कुमार दिलीप सिंह जूदेव के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय का निर्माण मानव समाज के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति हमारी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एनटीपीसी लारा के सीएसआर फंड से इस अस्पताल के निर्माण के लिए 35 करोड़ 53 लाख रुपये आबंटित किया गया है। इस अस्पताल के बन जाने से जशपुर और इसके आसपास के ग्रामीण अंचल के रहवासियों को लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस बार के बजट में जशपुर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना, शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज, शासकीय नर्सिंग कॉलेज और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद से अब तक के कार्यकाल में ही मोदी की अधिकांश गारंटियों को पूरा कर लिया गया है। कैबिनेट की पहली ही बैठक में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति प्रदान की गई। महतारी वंदन योजना के माध्यम से प्रति माह 01 हजार रुपये देकर महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। तेंदूपत्ता का प्रति मानक बोरा 5500 रुपये मूल्य निर्धारित किया गया है। पीएम जनमन योजना से विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों का विकास किया जा रहा है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना के माध्यम से आदिवासी इलाकों का विकास कार्य और नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से बस्तर के नक्सल प्रभावित ग्रामों में विकास किया जा रहा है।

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