छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल

पर्यटन की दृष्टि से छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 100+ छोटे बड़े स्थानों को छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है। उनमे से कुछ पर्यटन स्थल के बारे में  जानेंगे।

भोरमदेव मंदिर 

भोरमदेव मंदिर, कबीरधाम जिले के चौरागाँव में स्थित है। इस मंदिर को छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहा जाता है और इसकी तुलना उड़ीसा के सूर्य मंदिर से भी की जाती है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है। इस मंदिर को 1089 ई. में फणी नागवंशी शासक गोपाल देव ने बनवाया था। इस मंदिर के गर्भगृह में मुख्य रूप से शिवलिंग की मूर्तियाँ हैं, इसके अलावा भगवान विष्णु के अवतार और काल भैरव, अष्टभुजी गणेश की नृत्य करते हुए  मूर्तियाँ हैं।

Bhoramdeo Temple
भोरमदेव मंदिर छत्तीसगढ़

चित्रकोट वॉटरफॉल

छत्तीसगढ़ का यह खूबसूरत जलप्रपात बस्तर जिले के जगदलपुर शहर से 38 किमी दूर इंद्रावती नदी पर स्थित है, जिसकी चौड़ाई 985 फीट और 95 फीट है,  यह जलप्रपात घोड़े के नाल के आकार का है इस कारण इसे  भारत का नियाग्रा के रूप में जाना जाता है। यह मानसून के दौरान अपने चरम पर होता है मौसम के अनुसार यह अलग अलग खूबसूरत द्रश्य का निर्माण का करता है। अगर आपको नदियाँ, झरने और हरियाली पसंद है तो यह पर्यटन स्थल आपके लिये ही है।

Chitrakoot falls
चित्रकोट जलप्रपात

गिरौधपुरी जैतखाम

गिरौदपुरी जैतखाम/धाम महानदी और जोंक नदियों के संगम पर गिरौधपुरी गाँव में स्थित है, बलौदाबाजार से 40किमी और बिलासपुर से 80 किमी दूर  स्थित है। यह स्तंभ कई किलोमीटर दूर से दिखाई देता है, इस सफेद स्तंभ की आधुनिक वास्तुकला बहुत शानदार है । सबसे कमाल की बात यह है की यह क़ुतुब मीनार से भी ऊँचा है, इसकी ऊंचाई 77 मीटर (243 फीट) है, जबकि कुतुब मीनार 72.5 मीटर (237 फीट) ऊंची है। इसमें  07 बालकनी बनाया गया है जिसके मदद से आप आसपास के सुंदर द्र्स्य का लुफ्त उठा सकते हैं।

Girodhpuri Jaitkham
गिरौधपूरी जैतखाम

लक्ष्मण मंदिर सिरपुर

लक्ष्मण मंदिर प्राचीन स्मारक है जो ‘गहरे प्रेम’ का एक अनूठा उदाहरण है। यह पति के प्यार का प्रतीक है,नागर शैली का यह मंदिर रानी वासाटा देवी, राजा हर्षगुप्त की स्मृति में महाशिवगुप्त बालार्जुन के शासनकाल के दौरान 735-40 ईस्वी में बनवाया था। प्यार का यह अनोखा स्मारक ताजमहल से भी पुराना है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, लेकिन मंदिर के अंदर शेषनाग में लक्ष्मणजी की मूर्ति है, इसीलिए इसे लक्ष्मण मंदिर कहा जाता है। यह छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल में से एक है जिसने देश विदेश में अपनी पहचान बनाई है।

Laxman Temple Sirpur Chhattisgarh
लक्ष्मण मंदिर

मैनपाट

छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट, अपनी ख़ूबसूरत वादियों और अनेको झरने, नदी नाले और आश्चर्य से भर देने वाले पर्यटक स्थलों से भरपुर है। मैनपाट की सुंदरता बारिश और ठंड के मौसम में चरम पर होती है। मैनपाट छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 362 किलोमीटर और अंबिकापुर से लगभग 50 किलोमीटर की दुरी पर है। यहाँ आपको कई सारे छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल देखने को मिलेंगे –

  • टाइगर पॉइंट
  • जलज़ली पॉइंट
  • उल्टा पानी
  • जलपरी पॉइंट
  • बौद्ध मंदिर
Chhattisgarh ke paryatan sthal
मैनपाट का बौद्ध मंदिर

तीरथगढ़ वॉटरफॉल

बस्तर जिले में जगदलपुर से लगभग 38 किमी दूर कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में, कांगेर नदी की सहायक नदी मुनगा और बहार नदी  में यह झरना स्थित है यह लगभग 300 फीट ऊंचा है और तीरथगढ़ वॉटरफॉल को छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा झरना माना जाता है।  इस झरने के पास ही मंदिर है जो शिव जी और पार्वती माता को समर्पित है। इस झरने के आसपास हरे भरे वनस्पति है जो यहाँ के वतावरण को और भी खूबसूरत बनाते हैं।

tirathgarh waterfall chhattisgarh
तीरथगढ़ वॉटरफॉल

कोटमसर गुफा

यह गुफा छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में जगदलपुर के पास कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है। इस गुफा की गहराई 54 से 120 फीट है और लंबाई 4500 मीटर है। कोटमसर गुफा के खोज का श्रेय प्रोफेसर शंकर तिवारी को जाता है, जिन्होंने 1958 में स्थानीय जनजाति के सदस्यों की मदद से इस गुफा की खोज की थी। अंदर की संरचना बहुत सुंदर है, गुफा के अंदर चूना पत्थर से बनी आकृतियाँ हैं, इन आकृतियों पर रौशनी पड़ने पर कई तरह के अलग लग आकृति नज़र आती है। इस गुफा की सबसे अनोखी बात यह है की यहाँ आप अंधी मछली को देख सकते हैं।

Chhattisgarh ke paryatan sthal
कोटमसर गुफा

ढोलकल गणेश

ढोलकल गणेश छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में है यह दंतेवाड़ा से 18 किमी दूर, फरसपाल गाँव के पास बैलाडिला पहाड़ी में लगभग 3000 की ऊँचाई पर स्थित है छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल में से एक है, जिसे रहस्यमय पर्यटन स्थल मन जाता जाता है क्योंकि इतने ऊँचे पहाड़ी पर किसने इस गणेश की मूर्ति को रखा और क्यों रख अभी तक किसी को पता नही है। विशेषज्ञों का मानना है कि भगवान गणेश की यह मूर्ति लगभग 1000+ साल पुरानी हैऔर इस मूर्ति को 9 वीं और 11 वीं शताब्दी के बीच नागवंशी शासकों के शासनकाल के दौरान बनाई गई थी।

अगर आप अपने सफर में रोमांच, ट्रैकिंग पसंद करते हैं तो यह छत्तीसगढ़ का यह पर्यटन स्थल आपके लिए ही है इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको बैलाडीला के जंगलों में ट्रैकिंग करना पड़ेगा जो अपने आप में एक शानदार अनुभव होगा।

Dholkal Ganesh
ढोलकल गणेश

जंगल सफारी रायपुर 

रायपुर का जंगल सफारी एशिया में एकमात्र मानव निर्मित सफारी है, और सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि यह शहर के केंद्र में बसा है। यह छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध  पर्यटन स्थलों में से एक है। यहाँ जाने के बाद आपको एक अलग अनुभव होगा यहाँ कई सारे जानवर खुले जंगल में विचरण करते हुए हुए नजर आयेंगे और आप पिंजरे के अंदर बंद होंगे। अगर आपको प्रकृति के करीब रहकर आनंदित होते हैं तो यहाँ आपको जरुर जाना चाहिए। रायपुर जंगल सफारी में पर्यटकों के लिए सविधाओं का अच्छा बंदोबस्त किया गया है, यह छत्तीसगढ़ के राजधानी में है तो आपको यहाँ आसानी से पहुंच सकते हैं। 

Jungle Safari Raipur

देवरानी जेठानी मन्दिर 

देवरानी-जेठानी मंदिर मनियारी नदी के किनारे बिलासपुर से 29 किमी दूर तालागाँव नामक गाँव में स्थित है। देवरानी-जेठानी मंदिरों के लिए सबसे प्रसिद्ध छठी शताब्दी की रुद्र शिव प्रतिमा यहां स्थित है। यहां 4 वीं और 5 वीं शताब्दी के मंदिर हैं, जिन्हें देवरानी-जेठानी मंदिर कहा जाता है। तालगाँव को आमेरी कप्पा के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर में 7 फीट की ऊँचाई और 4 फीट की चौड़ाई वाली एक अद्भुत प्रतिमा  है। इसका वजन लगभग 8 टन है। मंदिर से ज्यादा इस मूर्ति को देखने के लिए दुनिया भर से लोग यहां आते हैं।

Chhattisgarh ke paryatan sthal
देवरानी जेठानी मंदिर

पुरखौती मुक्तांगन 

नया रायपुर में स्थित पुरखौती मुक्तांगन, छत्तीसगढ़ के उन्नत रीतिरिवाज, संस्कृति और छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल को दिखाया गया है। अगर आप छत्तीसगढ़ को कम समय में करीब से जानना चाहते हैं तो आपको पुरखौती मुक्तांगन जाना चाहिए। यह एक खुला संग्राहलय है जहाँ  पुरखों की समृद्ध संस्कृति को  सजोने की अच्छी कोशिश की गई है यहाँ आपको आदिवासियों के जीवन सैली, उनके रहन सहन, न्रत्य शैली, छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन केन्द्रों, इत्यादि को बहुत ही ख़ूबसूरती के साथ दिखाया गया है।

Chhattisgarh ke paryatan sthal
पुरखौती मुक्तांगन

अमृतधारा जलप्रपात

यह झरना छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े और खूबसूरत जलप्रपात में से एक है। इस जलप्रपात को अपनी नज़रों से देखने के लिए लोग दूर दूर से देखने आते हैं। अमृतधारा जलप्रपात हसदेव नदी में स्थित है। इस झरने की ऊँचाई 90 फीट है। इस झरने के आसपास घने जंगल इसकी ख़ूबसूरती में चार चाँद लगा देते हैं।

अमृतधारा जलप्रपात
अमृतधारा जलप्रपात

छत्तीसगढ़ के  इन पर्यटन स्थलों के अलावा और भी कई सारे पर्यटन स्थल हैं जहाँ आप जा सकते हैं, उम्मीद हैं हमारे द्वारा बताये गए छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल की जानकारी आपको पसंद आया होगा। 

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