‘एक भारत श्रेष्ठ भारत‘ कार्यक्रम से देश की अखंडता मजबूत-राज्यपाल डेका

राज्यपाल रमेन डेका की अध्यक्षता में राजभवन में आज यहां ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत‘ के तहत आंध्रप्रदेश, केरल, उत्तरप्रदेश, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा राज्य एवं दादर एवं नगर हवेली व दमन द्वीव का स्थापना दिवस हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर इन राज्यों के लोक नृत्यों की प्रस्तुित भी की गई है। साथ ही छत्तीसगढ़ के पंडवानी गायन और सूफी गायन की प्रस्तुति भी दी गई।राज्यपाल डेका ने इस अवसर पर कहा कि यह कार्यक्रम, भारत में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले विविध संस्कृतियों के लोगों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा । इसके तहत विभिन्न राज्यों की भाषा, संस्कृति, परंपराओं और प्रथाओं के ज्ञान का आपस में आदान-प्रदान होता है। जिससे भारत की एकता और अखंडता मजबूत होती है।

उत्तरप्रदेश, भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। यह भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है। यह हिन्दुओं की प्राचीन सभ्यता का उद्गम स्थल है। भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया और बौद्ध धर्म की नींव रखी। अभी प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है। यह विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। महाकुंभ के दौरान करोड़ों श्रद्धालु, साधु-संत और विद्वान एकत्रित होते हैं। यह आयोजन वेदों और पुराणों में वर्णित पवित्रता और मोक्ष का प्रतीक है। उत्तरप्रदेश, की सांस्कृतिक धरोहर, इस राज्य को एक सशक्त राज्य बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। महाकुंभ जैसे आयोजनों की सफलता यह दर्शाती है कि उत्तरप्रदेश न केवल भारत की आस्था का केंद्र है बल्कि विश्व के मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बना रहा है।

आंध्रप्रदेश ने कृषि, उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन और शैक्षणिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। आंध्रप्रदेश की लगभग 60 प्रतिशत आबादी कृषि और संबंधित गतिविधियों में लगी हुई है। आंध्रप्रदेश, घरेलू पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य है। विशेष रूप से तिरूपति बालाजी मंदिर, हिंदू पौराणिक कथाओं के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है।कार्यक्रम में आंघ्र प्रदेश राज्य के प्रतिनिधि श्री जी स्वामी, केरल के प्रतिनिधि श्री विनोद पिल्ले, उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि श्री प्रतीक पाण्डेय, त्रिपुरा की प्रतिनिधि सुश्री संगीता ने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। राज्यपाल द्वारा भी इन को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

कार्यक्रम में पद्मश्री से पुरूस्कृत द्वय उषा बारले ने पंडवानी गायन की और श्री मदन चौहान ने सूफी गायन की शानदार प्रस्तुति दी। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव डॉ सी.आर. प्रसन्ना, संयुक्त सचिव श्रीमती हिना नेताम, इन सभी राज्यों के छत्तीसगढ़ में निवासरत युवा, महिलाएं एवं गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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