बांग्‍लादेश भारत से टकराव के मूड में क्‍यों? एक्‍सपर्ट ने इसकी वजह बताया

ह‍िन्‍दुओं पर हमले हुए तो बांग्‍लादेश सरकार चुप थी. वहां के नेता भारत के ख‍िलाफ अनर्गल बयानबाजी करते रहे, फ‍िर भी मुहम्‍मद यूनुस कुछ नहीं बोले. उन्‍हीं की सरकार के सलाहकार ने तो भारत के तीन प्रदेशों पर हमले तक की बात कह डाली, लेकिन वहां क‍िसी नेता ने डांटा नहीं. वहां के गृहमंत्री अपनी सेना को भारत के सामने डटकर खड़े होने का आदेश देते रहे. अब यूनुस सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्‍यर्पण की मांग भारत से कर डाली है. आख‍िर बांग्‍लादेश भारत से टकराव के मूड में क्‍यों द‍िख रहा?

शेख हसीना के सत्‍ता से बाहर होने के बाद बांग्‍लादेश की अंतर‍िम सरकार ने कई ऐसे फैसले ल‍िए, जो भारत को पसंद नहीं आए. इसके बावजूद भारत ने समझदारी से काम ल‍िया. उसे एक मित्र देश के तौर पर बनाए रखा. उनके नेता बयानबाजी करते रहे , लेकिन भारत की ओर से क‍िसी ने जुबानी जंग नहीं की. सरकार संयम बरतती पजर आई.

1. ह‍िन्‍दुओं पर हमला
सबसे बड़ा मुद्दा बांग्‍लादेश में ह‍िन्‍दुओं पर हमले का है. विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अ‍ब तक बांग्‍लादेश में ह‍िन्‍दुओं पर अत्‍याचार के 2200 से ज्‍यादा मामले दर्ज क‍िए गए हैं. यह पाक‍िस्‍तान से भी 10 गुना ज्‍यादा है.

पाक‍िस्‍तान से दोस्‍ती

बांग्लादेश के नए शासक पाकिस्तान से दोस्ती चाहते हैं. ज‍िस पाक‍िस्‍तान से बांग्‍लादेश के लोग एक वक्‍त नफरत क‍िया करते थे, अब उसी के साथ बांग्‍लादेश की सरकार गलबह‍ियां कर रही है. उनके नेताओं से रिश्ते बनाए जा रहे हैं. पाकिस्तान से जहाज के कंटेनर लगातार चटगांव बंदरगाह पर आ रहे हैं, जिससे भारत के लिए चिंताएँ बढ़ रही हैं. पाक‍िस्‍तानी आर्मी अब बांग्‍लादेश की आर्मी को ट्रेनिंग देने वाली है.

3. सार्क को फ‍िर जिंदा करने की कोश‍िश

मुहम्‍मद यूनुस को भी पता है क‍ि भारत नहीं चाहता क‍ि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन सार्क (SAARC) को ज्‍यादा तवज्‍जो मिले, इसके बावजूद बांग्‍लादेश की सरकार इसे पुनर्जीवित करने की बात कर रही है.

4. राजनय‍िक रिश्ते तोड़ने का इरादा
अगरतला में बांग्‍लादेश के उच्‍चायोग के बाहर प्रदर्शन क्‍या हुए, बांग्‍लादेश की सरकार राजनय‍िक रिश्ते तोड़ने पर अमादा हो गई. हमारे उच्‍चायुक्‍त प्रणय वर्मा को तलब कर ल‍िया. इतना ही नहीं, दो राजनय‍िकों को वापस भी बुला ल‍िया.

5. सामान्‍य रिश्ते तक नहीं निभाए
जब विदेश सचिव विक्रम मिस्री बांग्लादेश के दौरे पर गए थे, तब यूनुस या बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के सोशल मीडिया अकाउंट पर औपचारिक रूप से हाथ मिलाने की कोई तस्वीर तक पोस्ट नहीं की गई. सामान्‍य औपचार‍िकता भी नहीं निभाई. युनूस जब सरकार के मुख‍िया बने तो पीएम मोदी ने खुद उन्‍हें फोन क‍िया था, लेकिन यूनुस ने न तो प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया है और न ही बातचीत के लिए कोई प्रतिनिधिमंडल भारत भेजा. साफ है क‍ि वे रिश्ते खराब करने में जुटे हुए हैं.

6. अब शेख हसीना के प्रत्‍यर्पण की बात
ताजा मामला शेख हसीना के प्रत्‍यर्पण का है. बांग्‍लादेश को पता है क‍ि भारत इतनी आसानी से शेख हसीना को बांग्‍लादेश नहीं जाने देगा, इसके बाजवूद भारत को बदनाम करने के इरादे से शेख हसीना के प्रत्‍यर्पण का गेम खेला. ऐसा लगता है क‍ि जानबूझकर इस तरह की कोश‍िशें की जा रही हैं, ज‍िससे भारत के साथ संबंध और खराब हों.

क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

बांग्‍लादेश में एक ऐसी सरकार है, जो ह‍िंसक भीड़ के दम पर सत्‍ता में है. इस सरकार की कोई संवैधान‍िक मान्‍यता नहीं है. ऐसे में उसे भारत से शेख हसीना के प्रत्‍यर्पण की मांग करने का कोई अध‍िकार नहीं है.
ब्रह्मा चेलानी, सामरिक मामलों के जानकार

भारत को पता था क‍ि बांग्‍लादेश शेख हसीना के प्रत्‍यर्पण की मांग करेगा और भारत इसके ल‍िए कभी तैयार नहीं होगा. यह सिर्फ औपचार‍िकता है, मुझे नहीं लगाता क‍ि हसीना के प्रत्यर्पण की मांग में कोई बड़ा मुद्दा है.
माइकल कुगलमैन, निदेशक, थिंक टैंक विल्सन सेंटर में साउथ एशिया इंस्टिट्यूट

शेख हसीना पाकिस्तान के ख‍िलाफ विद्रोह की प्रतीक हैं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का मकसद यही है कि शेख हसीना उनके कब्‍जे में आ जाएं और जेल में बंद कर मार डालें. शेख हसीना को बांग्लादेश भेजना एक निर्दोष को हथियारों से लैस लोगों के बीच सौंप देना है.
राजीव डोगरा, भारत के पूर्व डिप्लोमैट

वजह ये तो नहीं?
शेख हसीना को लेकर बांग्लादेश के लोगों में गुस्सा था, वे भारत से भी कुछ हद तक नाराज थे. क्योंकि उन्हें लगता था कि भारत ने शेख हसीना का साथ दिया, जिसकी वजह से वह तानाशाह बन गईं. मुहम्‍मद यूनुस की सरकार इस गुस्से को शांत करने की बजाय अपनी पॉपुलैर‍िटी बनाए रखने के लिए इसे और भड़काने में लगी हुई है. जबक‍ि भारत ने न तो शेख हसीना को कूटनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया और न ही उनके माध्यम से बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोई योजना बनाई. भारत साफ कह चुका है क‍ि वह शेख हसीना को पूर्व प्रधानमंत्री मान चुका है, तभी तो नई सरकार के साथ बातचीत भी शुरू हो चुकी है. एक्‍सपर्ट के मुताबिक, मुहम्‍मद यूनुस हमेशा के ल‍िए बांग्‍लादेश की सत्‍ता पर काब‍िज होने का इरादा रखते हैं, इसल‍िए वे नहीं चाहते क‍ि भारत का दखल उनके यहां हो.

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