सीएम बघेल ने बस्तर में नेताओं की सुरक्षा को लेकर डीजीपी को दिए निर्देश
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सलियों द्वारा जनप्रतिनिधियों को निशाना बनाए जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नाराजगी व्यक्त की है। मुख्यमंत्री बघेल ने बस्तर में नेताओं की सुरक्षा को लेकर डीजीपी को सख्त निर्देश दिए हैं।
सीएम बघेल ने डीजीपी को बस्तर संभाग के जिलों में सुरक्षा को लेकर बैठक लेने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा डीजीपी सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री बघेल ने बस्तर के नेताओं से सावधानी बरतने और पुलिस को सूचना देकर दौरा करने की बात कही।
छह दिन में तीन भाजपाइयों की हत्या
चुनावी वर्ष में बस्तर में नक्सली फिर हत्याएं कर रहे हैं। उनके निशाने पर सुदूर ग्रामीणों क्षेत्रों में सक्रिय भाजपा के स्थानीय नेता हैं। बीते छह दिनों में नक्सलियों ने तीन भाजपा नेताओं की हत्या है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार के संरक्षण में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है।
जेपी नड्डा के बस्तर प्रवास से पहले भाजपा कार्यकर्ता की हत्या
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बस्तर प्रवास के एक दिन पूर्व शुक्रवार की रात नक्सलियों ने नारायणपुर जिले के छोटेडोंगर में जिला भाजपा उपाध्यक्ष सागर साहू को उनके घर में घुसकर गोली मार दी। शनिवार को नड्डा उन्हें श्रद्धांजलि देने नारायणपुर गए थे। उनके लौटते ही शनिवार को नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के हितामेटा गांव के पूर्व सरपंच व भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता रामधर अलामी की हत्या कर दी।
इससे पूर्व पांच फरवरी को बीजापुर जिले के उसूर मंडल अध्यक्ष नीलकंठ कक्केम की हत्या नक्सलियों ने की थी। एक माह पूर्व बस्तर जिले में भाजपा नेता बुधराम करताम की मौत को भी भाजपा नेता नक्सली वारदात से जोड़ रहे हैं। हालांकि पुलिस उनकी मौत को दुर्घटना बता रही है।
भाजपा का आरोप- हत्याओं के पीछे राजनीतिक षड़यंत्र
भाजपा कह रही है कि इन हत्याओं के पीछे राजनीतिक षड़यंत्र है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि हमारे नेताओं को चिन्हित कर निशाना बनाया जा रहा है। हमारे नेताओं की सुरक्षा हटा ली गई है। हत्याओं की न्यायिक जांच की जानी चाहिए।
बस्तर के कांग्रेस सांसद दीपक बैज का कहना है कि भाजपा नेताओं को नक्सली हिंसा पर बोलने का नैतिक अधिकार ही नहीं है। भाजपा के शासन के झीरम कांड में कांग्रेस की पूरी पीढ़ी समाप्त कर दी गई थी। हम सुरक्षा का वातावरण निर्मित कर विकास कर रहे हैं। इससे नक्सली हिंसा में कमी आई है।
आदिवासी बहुल बस्तर में विधानसभा की 11 सीटें हैं। सभी सीटों पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है। भाजपा बस्तर पर फोकस कर रही है। इस बीच लगातार हो रही हत्याओं से पार्टी के समक्ष नई चुनौती आ गई है। बस्तर संभाग के सातों जिलों में विभिन्न् दलों के सौ से अधिक नेताओं को सुरक्षा दी गई है। इनकी सुरक्षा में आठ सौ जवान तैनात हैं।