औषधीय गुणों से भरपूर है गौमूत्र – वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. बीरबल राजपूत

 शासन द्वारा गौमूत्र के महत्व एवं उपयोगिता को देखते हुए की जा रही गौमूत्र की खरीदी

राजनांदगांव. शासन द्वारा गौमूत्र के महत्व एवं उपयोगिता को देखते हुए प्रदेश भर में गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। शासन की सुराजी गांव योजना के तहत व्यापक पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है। किसानों का रूझान जैविक खेती की ओर बढ़ा है। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने गौठानों में गौमूत्र की खरीदी प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि गौमूत्र की खरीदी के दौरान गुणवत्ता की जांच करें और इसके लिए समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित करते रहें।<br>वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. बीरबल राजपूत ने बताया कि गौमूत्र में बहुत अधिक औषधीय गुण होते हैं। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इर्फोमेंशन के अनुसार गौमूत्र में आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, कार्बोनिक एसिड, पोटाश, नाइट्रोजन, अमोनिया, मैगनीज, सल्फर, फास्फेट, पोटेशियम, यूरिक एसिड, एमिनो एसिड सहित विभिन्न पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। इसके अलावा इसमें पानी 95 प्रतिशत, यूरिया 2.5 प्रतिशत, एन्जाइम 2.5 प्रतिशत पाया जाता हैं। गौमूत्र एंटीऑक्सीडेंट गुण से भी भरपूर होता है। गौमूत्र का महत्व कृषि में अत्यंत महत्वपूर्ण है। बिना गौमूत्र व गोबर के प्राकृतिक एवं जैविक खेती संभव नहीं है। इसका फसलों में फफूंद नाशक दवाओं के रूप में भी उपयोग किया जाता है। साथ ही गौमूत्र फसलों में ग्रोथ प्रमोटर का कार्य भी करता है। बीजामृत, जीवामृत, घनामृत, संजीवक, पंचगव्य के अलावा गौमूत्र से जैविक कीटनाशक एवं फफूंदनाशक दवाई भी बनाई जाती है। नीमास्त्र, ब्रहामास्त्र, आग्नेयास्त्र, दशपर्णी अर्क, अमृतयानी उत्पाद है। गौमूत्र कैंसर से बचाव में मदद करता है। वजन घटाने के लिए उपयोगी होने के साथ ही मधुमेह की समस्या को खत्म करता है। लीवर संबंधित बीमारियों को दूर करता है तथा पेट दर्द की समस्या को दूर करता है। इसके अलावा किडनी स्टोन से राहत, थायराइड व आयोडीन की कमी में सुधार, एसिडिटी की समस्या को दूर करता है। शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। शरीर पर जख्म व घाव भरते हैं। कई त्वचा संबंधी बीमारियों को दूर करता है। बालो में एंटी हेयरफॉल, एंटी डैंड्रफ की समस्या को भी दूर करता है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा गौमूत्र की खरीदी से इसके कई तरह के उत्पाद बनाये जा सकते हैं। जिससे जैविक खेती के साथ ही अन्य उत्पादों का भी लाभ जनसामान्य को मिलेगा।</p>

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