गरियाबंद में नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन
गरियाबंद. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर श्री संतोष शर्मा के निर्देश पर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय गरियाबंद किशोर न्याय बोर्ड गरियाबंद तथा राजस्व जिला गरियाबंद के राजस्व न्यायालयों एवं देवभोग तथा राजिम के न्यायालयों में 13 अगस्त 2022 शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
उक्त लोक अदालत हेतु तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद द्वारा चार खण्डपीठों का गठन किया गया था वहीं राजस्व न्यायालयों में भी खण्डपीठों का गठन किया गया था तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद के अध्यक्ष राजभान सिंह ने बताया कि उक्त लोक अदालत हेतु अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश गरियाबंद श्रीमती तजेश्वरी देवी देवागंन की गठित खण्डपीठ में 16 मोटर दुर्घटना से संबंधित प्रकरणों का निराकरण करते हुए 1 करोड़ 46 लाख 77 हजार 800 रूपये का एवार्ड पारित किया गया वही धारा 138 परकाम्य लिखत अधिनियम से संबंधित 01 अपील प्रकरण एवं 11 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों कुल 28 मामलों का निराकरण किया गया, वहीं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं व्यवहार न्यायधीश वर्ग-एक गरियाबंद श्रीमति छाया सिंह की गठित खण्डपीठ में 509 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 38 प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा उक्त खण्डपीठ में 95 लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें 34 राजीनामा योग्य अपराधिक प्रकरण 11 एन.आई.एक्ट से संबंधित प्रकरण, 14 मोटर यान अधिनियम एवं 41 अन्य प्रकरणों से संबंधित कुल 138 लंबित मामलों का निराकरण किया गया तथा सभी मामलों में 22 लाख 74 हजार 625 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। निलेश जगदल्ला न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो गरियाबंद की गठित खण्डपीठ में 322 प्रिलिटिगेशन प्रकरण एवं 126 लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें 40 राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरणों एवं 02 पारिवारिक विवाद से संबंधित मामलों कुल 42 मामलों का निराकरण किया गया।
इसी प्रकार बाल न्यायालय गरियाबंद में 04 राजीनामा योग्य आपराधिक तथा श्रीमती किरण पन्ना न्यायिक श्रेणी व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो देवभोग की गठित खण्डपीठ में 70 राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरणों 02 एन.आई.एक्ट से संबंधित प्रकरण 01 डी.व्ही. एक्ट से संबंधित प्रकरण 99 समरी प्रकरण तथा 36 प्रिलिटिगेशन से संबंधित मामलों कुल 208 मामलों का निराकरण किया गया।
इसी प्रकार अविनाश टोप्पो न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो राजिम की गठित खण्डपीठ में 85 राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरणों, 04 एन0आई0एक्ट से संबंधित प्रकरण 03 डी.व्ही. एक्ट से संबंधित प्रकरण 02 व्यवहारवाद, 35 समरी प्रकरण तथा 97 प्रिलिटिगेशन से संबंधित मामलों कुल 226 मामलों का निराकरण किया गया। इसी प्रकार राजस्व न्यायालयों में गठित खण्डपीठों में विभिन्न प्रकार के कुल 41,741 प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा उक्त राजस्व प्रकरणों में खातेदारों के मध्य आपसी बंटवारे के मामले वारिसों के मध्य बटवारें के मामले, याददाश्त के आधार पर बटवारा के मामले कब्जे के आधार पर बंटवारे के मामले विकय पत्र/दान पत्र/ वसीयत के आधार पर नामान्तरण के मामले तथा अन्य प्रकृति के मामलों का निराकरण किया गया। उक्त लोक अदालत में कोविड-19 के संक्रमण के कारण शासन द्वारा जारी गाईडलाईन का पालन करते हुए पक्षकारों की भौतिक उपस्थिति एवं यर्चुअल मोड पर प्रकरणों में सुनवाई करते हुए प्रकरणों का निराकरण किया गया।
तालुका अध्यक्ष राजभान सिंह ने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष संतोष शर्मा, परिवार न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश हेमन्त सराफ एवं सचिव प्रवीण कुमार मिश्रा के द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देशानुसार गठित खण्डपीठों के सभी पीठासीन अधिकारियों तथा राजस्व न्यायालयों में गठित खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों के द्वारा लोक अदालत के पूर्व से ही संबंधित पक्षकारों एवं अधिवक्तागण से प्री-सिटिंग कर इस लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु काफी प्रयास किये गये। इस लोक अदालत को सफल बनाने में खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारीगण, अधिवक्ता सदस्यगण और प्रकरणों से संबंधित अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारियों, राजस्व अधिकारियों तथा कर्मचारियों और प्रीलिटिगेशन प्रस्तुत करने वाले अन्य विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों एवं संबंधित पक्षकारों का सराहनीय योगदान रहा।