फसल चक्र परिवर्तन करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करें : मुख्य सचिव

इस वर्ष सहकारी बैंक की 50 शाखाओं में एटीएम स्थापित किए जाएंगे

रायपुर,

  खरीफ सीजन हेतु 3.23 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का भण्डारण  मुख्य सचिव ने की सहकारिता विभाग के काम-काज की समीक्षा

मुख्य सचिव श्री अभिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय में सहकारिता विभाग के काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने फसल चक्र परिवर्तन करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। गन्ना उत्पादक किसानों को वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग करने हेतु प्रेरित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।

मुख्य सचिव ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों से कहा कि शक्कर कारखानों में हानि कम हो इसके लिए विशेष प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सहकारिता द्वारा किसानों को अधिक से अधिक फायदा पहुंचाने के लिए कार्य किया जाना चाहिए। बैठक में प्रदेश में किसानों के लिए ज्यादा से ज्यादा बैंक शाखाओं, एटीएम, किसान क्रेडिट कार्ड का विस्तार करने के लिए बैंकों को लक्ष्य दिए जाने पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि इस साल करीब 50 एटीएम स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को खरीफ सीजन में उर्वरक वितरण करने के लिए तीन लाख 23 हजार मीट्रिक टन उर्वरक का भण्डारण किया गया है। इसी तरह से मार्कफेड के डबल लॉक केन्द्रों में 6.97 लाख मीटिरिक टन खाद भण्डारित किया गया है।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शीघ्र ही धान उपार्जन केन्द्रों में शेष रह गई धान का उठाव शीघ्र कर लें। बैठक में मुख्य सचिव ने खरीफ सीजन के लिए कृषि ऋण वितरण की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने फसल चक्र परिवर्तन के अंतर्गत धान के अलावा अन्य फसलों के लिए ऋण लेने वाले किसानों को और प्रेरित करने की बात अधिकारियों से कही। सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष 2022-23 में किसानों को 5800 करोड़ रूपए के अल्प कालीन कृषि ऋण वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें से करीब दो हजार करोड़ रूपए से अधिक का ऋण वितरित कर दिया गया है।

बैठक में विभिन्न सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन की स्थिति, गन्ना कारखानों में एथेनॉल संयंत्र की स्थापना की स्थिति, कोण्डागांव मक्का प्रोसेसिंग इकाई की प्रगति तथा मार्कफेड की राइस मिलों का व्यवसायिक उपयोग करने के संबंध में विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में बेमेतरा जिले में पीपीपी मॉडल से शक्कर कारखाना स्थापित करने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया गया। इसी तरह से सहकारी शक्कर कारखानों में पॉवर प्लांटों के संचालन की स्थिति और शक्कर कारखानों की विगत तीन वर्षों की लाभ-हानि की स्थिति की विस्तार से चर्चा की गई।

सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक से पूर्व मुख्य सचिव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय प्रशासन एवं सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों से अन्य पिछड़ा वर्ग की गणना विभिन्न माध्यमों से करने एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के हितग्राहियों के राशनकार्ड बनाने की प्रगति की भी समीक्षा की।

बैठक में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती रेणु जी पिल्ले, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, नगरीय प्रशासन विभाग कीे सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी., विशेष सचिव सहकारिता श्री हिमशिखर गुप्ता सहित सहकारिता विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button