‘दुर्जन की दूर हुई परेशानी‘ : कलेक्टर की पहल से तत्काल मिला राशन कार्ड
कोण्डागांव, राशन कार्ड के न होने की पीड़ा एक भुक्तभोगी परिवार ही समझ सकता है। इसपर परिवार के मुखिया का अपढ़ होने से परिवार की तकलीफें और बढ़ जाती है। पूर्व में ग्राम पंचायत मुलमुला के अंतर्गत शामिल होने वाले ग्राम धनपुर के आश्रित ग्राम जामपारा निवासी दुर्जन विश्वकर्मा उम्र 37 वर्ष (पिता जुगधर विश्वकर्मा) ऐसे ही ग्रामीण हैं जो असाक्षर व अज्ञानता की वजह से शासन द्वारा दी जा रही पीडीएस सेवाओं से वंचित होकर परेशानियों से जुझ रहे थे। परंतु कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के संज्ञानता में इस प्रकरण के आने पर पूरी संवेदनशीलता के साथ इस छः सदस्यीय परिवार की तुरंत सुध लेते हुए तत्काल राशन कार्ड उपलब्ध कराया गया और इस प्रकार दुर्जन और उसके परिवार को एक बड़ी चिंता से मुक्ति मिली। इस संबंध में दुर्जन विश्वकर्मा द्वारा अवगत कराया गया कि उसके परिवार में उसकी पत्नि राजबती के अलावा तीन बेटियां भारती, आरती, बबिता हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण मजदूरी के भरोसे ही परिवार की जीविका चलती है और राशनकार्ड न होने से हमेशा परिवार के पास खाने का संकट रहता है। दुर्जन ने आगे बताया कि दो साल पहले तक उनका गांव मुलमुला पंचायत में था तब कई बार उसके द्वारा राशनकार्ड, आधारकार्ड और इंदिरा आवास के लिए सरपंच के समक्ष गुहार लगाया गया था लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। तब तंगहाली इतनी बढ़ गई की परिवार का पेट भरने और मजदूरी की तलाश में एक टूटी झोपड़ी में रहना उसके लिए मजबूरी बन गया। परंतु अब प्रशासन द्वारा राशनकार्ड दिया जाना उसके लिए एक बड़ी राहत है और अब आधारकार्ड एवं आवास के संबंध में प्रक्रिया चल रही है। उसका कहना था कि उसके गांव में उसकी ही तरह चार-पांच परिवार और भी है जो असाक्षर होने के कारण अपना दस्तावेज नहीं बना पा रहे थे। लेकिन अब मेरे राशनकार्ड बनने पर उन्होंने भी राशनकार्ड हेतु आवेदन कर दिया है। इसके साथ ही उसने जिला प्रशासन द्वारा तुरंत राशनकार्ड उपलब्ध कराये जाने पर साधुवाद भी दिया।