हर श्रेणी में मिलता सबसे खराब एयरलाइंस का ऑस्‍कर… शिवराज के बाद Air India पर भड़के शेरगिल

केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद अब भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्‍ता जयवीर शेरगिल ने एयर इंडिया को निशाने पर लिया है. जयवीर शेरगिल ने मंगलवार देर रात सोशल मीडिया पर मैसेज पोस्‍ट कर एयर इंडिया की सर्विसेज को लेकर अपनी गहरी नाराजगी जाहिर की है. उन्‍होंने अपने मैसेज में यहां तक लिख दिया है कि ‘अगर सबसे खराब एयरलाइंस के लिए कोई ऑस्‍कर के बराबर पुरस्‍कार होता तो एयर इंडिया हर श्रेणी में जीतती.’

पेशे से सुप्रीम कोर्ट के वकील जयवीर शेरगिल ने नाराजगी जाहिए करते हुए एयर इंडिया की खामियों के बारे में भी लिखा है. उन्‍होंने सोशल म‍ीडिया प्‍लेटफार्म में पोस्‍ट किए मैसेज में एयरलाइंस की बदहाली बयां करते हुए लिखा है कि टूटी हुई सीटें, सबसे खराब कर्मचारी, दयनीय ऑन ग्राउंड सपोर्ट स्‍टाफ, कस्‍टमर सर्विस को बारे में दो टूक रवैया. उन्‍होंने आगे लिखा है कि एयर इंडिया में उड़ान भरना एक सुखद अनुभव नहीं है, लेकिन आज इसने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
शिवराज सिंह भी जता चुके हैं अपनी नाराजगी
यहां आपको बता दें कि जयवीर शेरिगल खुद भी पायलट हैं. उनके पास निजी पायलट लाइसेंस है और वह शौकिया तौर पर फ्लाइट उड़ाते हैं. बीजेपी प्रवक्‍ता जयवीर शेरगिल से पहले केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी एयर इंडिया की सर्विसेज को लेकर गहरी नाराजगी व्‍यक्त कर चुके हैं. एक्‍स पर पोस्‍ट के जरिए शिवराज सिंह चौहान ने बताया था कि पूसा में किसान मेले का उद्घाटन, कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती मिशन की बैठक और चंडीगढ़ में किसान संगठन के प्रतिनिधियों से चर्चा करने के लिए उन्‍हें उन्‍हें भोपाल से दिल्ली आना था.

शिवराज सिंह ने AI को लेकर कही थी यह बात
उनके लिए एयर इंडिया की फ्लाइट AI436 में टिकट करवाया था, जिसमें उन्‍हें सीट नंबर 8C आवंटित की गई थी. सीट पर बैठने के बाद शिवराज सिंह को पता चला कि सीट टूटी और अंदर धंसी हुई थी. जिस पर बैठकर सफर करना बेहद तकलीफदायक था. जब उन्‍होंने क्रू से पूछा कि खराब सीट थी तो आवंटित क्यों की? तब उन्‍हें बताया गया कि मैनेजमेंट को पहले ही इस बारे में जानकारी दे दी गई थी, ये सीट ठीक नहीं है, इसका टिकट नहीं बेचना चाहिए. ऐसी एक नहीं और भी सीटें हैं.

बेहतर सेवा को शिवराज ने बताया था भ्रम
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी पोस्‍ट में यह भी लिखा था कि ‘मेरी धारणा थी कि टाटा प्रबंधन के हाथ में लेने के बाद एयर इंडिया की सेवा बेहतर हुई होगी, लेकिन ये मेरा भ्रम निकला. मुझे बैठने में कष्ट की चिंता नहीं है लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है. क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं है? क्या आगे किसी यात्री को ऐसा कष्ट न हो, इसके लिए एयर इंडिया प्रबंधन कदम उठाएगा या यात्रियों की जल्दी पहुंचने की मजबूरी का फायदा उठाता रहेगा’.

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