2024 में RBI ने रेपो रेट तो नहीं घटाए, मगर कर दिए कई जरूरी इंतजाम, लोन लेने वालों की लाइफ हुई आसान

2024 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में तो कोई कटौती नहीं की, लेकिन बैंक ग्राहकों के हित में कई बड़े कदम उठाए. लोन के मामलों में पारदर्शिता बढ़ाने से लेकर डिजिटल पेमेंट में नए फीचर्स जोड़ने तक RBI ने कई सुधार किए. इन सुधारों से आम लोगों की लाइफ काफी आसान हो गई. इन सुधारों में से कई तो आपको याद होंगे, मगर कुछेक आप भूल भी गए होंगे. तो चलिए एक नजर डालते हैं 2024 में हुए बदलावों और सुझावों पर.

RBI ने इस साल बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए की फैक्ट्स स्टेटमेंट (Key Facts Statement (KFS)) और एनुअलाइज्ड परसेंटेज रेट (Annualised Percentage Rate (APR)) का प्रावधान अनिवार्य कर दिया. केएफएस लोन की पूरी लागत को सरल और स्पष्ट रूप में पेश करता है. वहीं, APR न केवल ब्याज दर बल्कि बीमा प्रीमियम, कानूनी शुल्क और अन्य खर्चे भी शामिल करता है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उधारकर्ता लोन की वास्तविक लागत को पूरी तरह समझ सकें और सूझबूझ से फैसले लें.

2024 से पहले बैंक और वित्तीय संस्थान डिफॉल्ट होने पर पेनल्टी के तौर पर अधिक ब्याज वसूलते थे. लेकिन अब RBI ने इसे बैन कर दिया है. इसके बदले बैंक केवल डिफॉल्ट की गई राशि पर शुल्क ले सकते हैं, मगर यह बहुत ज्यादा नहीं होगा. यह कदम लोन लेने वालों की मुसीबतों को कम करने के लिए जरूरी रहा.

P2P लेंडिंग प्लेटफॉर्म पर सख्त नियम
RBI ने पियर-टू-पियर (P2P) लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए. अब ये प्लेटफॉर्म लोन लेने वालों और देने वालों के बीच लेन-देन को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाएंगे. इसके अलावा, प्लेटफॉर्म को प्रत्येक माह के पोर्टफोलियो प्रदर्शन और उधार देने वालों के नुकसान की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी.

RBI ने 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि भारत में बैंकों के पास 78,213 करोड़ रुपये की अनक्लेम्ड डिपॉजिट है. इस राशि की ट्रैकिंग के लिए UDGAM पोर्टल लॉन्च किया गया, जहां ग्राहक अपने पुराने खातों की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.

डूबे हुए बैंकों के जमाकर्ताओं के लिए ‘दावा सूचक’ एक ऑनलाइन ट्रैकिंग टूल है. इसके जरिए ग्राहक अपने दावों की स्थिति मिनटों में देख सकते हैं. अब 5 लाख रुपये तक की बीमा राशि 90 दिनों के भीतर प्राप्त की जा सकती है, जो पहले RBI की कार्रवाई पर निर्भर होती थी.

क्रेडिट कार्ड लाभों में कटौती
ICICI, HDFC, और SBI सहित अन्य बैंकों ने 2024 में क्रेडिट कार्ड पर रिवॉर्ड पॉइंट्स और अन्य लाभों में कटौती की. इन बदलावों का उद्देश्य दुरुपयोग रोकना था और यह सुनिश्चित करना था कि लोग जिम्मेदारी से उधार लें और चुकाएं.

UPI डिजिटल भुगतान
RBI ने UPI 123Pay और UPI Lite के ट्रांजेक्शन लिमिट्स को बढ़ाकर डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया. जहां UPI 123Pay का नया ट्रांजेक्शन लिमिट ₹10,000 है, वहीं UPI Lite के लिए यह ₹5,000 हो गया है. ये बदलाव विशेष रूप से ग्रामीण और वरिष्ठ नागरिक उपयोगकर्ताओं के लिए फायदेमंद हैं.

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