चीन के खौफ में भूटान कहता रहा- नो-नो, पीछे से शी जिंगपिन ने डोकलाम में कर दिया ऐसा कांड, भारत की बढ़ गई चिंता
पड़ोसी देश भूटान भले ही भारत को अपना खास देश मानता हो लेकिन वो बगल में बैठे चीन से उससे कहीं ज्यादा खौफ भी खाता है. भूटान के इसी खौफ ने अब डोकलाम ट्राई जंक्शन के पास भारत की चिंताएं बढ़ा दी है. भूटान पिछले कई सालों से इस क्षेत्र में चीन द्वारा लगातार बस्तियां बनाए जाने की बात से इनकार करता रहा है. उधर, दूसरी ओर सेटेलाइट इमेज कुछ और ही तस्वीर सामने लेकर आ रही हैं. शी जिंगपिन की आर्मी भारत-चीन-भूटान के ट्राई जंक्शन पर जो कुछ कर रही है, उसने सभी के कान खड़े कर दिए हैं. सेटेलाइट इमेज से यह पता चला है कि डोकलाम के नजदीक वाले क्षेत्र में चीन ने आठ नए गांव बसा दिए हैं.
डोकलाम वही क्षेत्र है जहां साल 2017 में भारतीय और चीनी के बीच विवाद हुआ था, जिसके चलते दोनों सेनाओं के सैनिकों के बीच करीब 73 दिनों तक गतिरोध बना रहा था. तब जैसे-तैसे यह मामला रफा-दफा हो गया था लेकिन इसके बाद से ही चीन इस क्षेत्र में अपने दावे को मजबूत करने के लिए इस तरह से गांव को बसा रहा है. हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन ने पिछले आठ सालों में पारंपरिक रूप से भूटान का हिस्सा रहे इस क्षेत्र में कम से कम 22 गांव को बसा दिए हैं.
भूटान के पूर्व पीएम ने क्या कहा था?
अगर आप सोच रहे हैं कि चीन के साथ गलवान घाटी में विवाद सुलझने के बाद सब-कुछ पहले जैसा नॉर्मल हो गया है तो आप गलत हैं. ड्रैगन अपनी हरकतों से पहले की तर्ज पर इस बार भी बाज नहीं आया है. चीन भूटान की सरजमीं पर इतना कुछ कर रहा है लेकिन भूटान ने इसपर चुप्पी साध रखी है. पिछले कुछ सालों में भूटानी अधिकारियों ने भूटान के क्षेत्र में चीनी बस्तियों की उपस्थिति से इनकार किया है. भूटान के पूर्व प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने 2023 में बेल्जियम के एक समाचार पत्र से यह कहकर हलचल मचा दी थी कि चीनी की भूटान की टेरिटरी में कोई मौजूदगी नहीं है.
भूटान के 2 प्रतिशत लैंड पर कब्जा
उधर, स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज (SOAS) के शोध सहयोगी रॉबर्ट बार्नेट की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2016 से अब तक चीन भूटान में 22 गांव और बस्तियां बसा चुका है. कहा गया कि इनमें अनुमानित 2,284 आवासीय यूनिट हैं. उसने यहां करीब 7,000 लोगों को भूटान के खाली पड़े क्षेत्र में बसा दिया है. चीन ने भूटान के लगभग 825 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है. यह उसके कुल क्षेत्र का करीब 2% है.चीन ने इन गांवों में अधिकारियों, लेबर और सैनिकों को भेजा है. यह सभी गांव सड़क के जरिए चीनी शहरों से भी जुड़ गए हैं.