क्या आप हर रात 3 से 5 बजे के बीच जाग जाते हैं? जानें इसके पीछे क्या है कारण

आधी रात में जागना या नींद का टूटजाना एक निराशाजनक और भटकाने वाला अनुभव हो सकता है। यह शरीर के प्राकृतिक सोने और जागने के चक्र को बाधित करता है। इसका असर आपके शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर भी होता है।

HIGHLIGHTS

  1. दुनिया भर में करीब 50 से 70 फीसदी तक वयस्क इस समस्या से हैं परेशान।
  2. दिन में थकान, उत्पादकता में कमी और मानसिक स्वास्थ्य होता है प्रभावित।
  3. तनाव, अनिद्रा, खराब लाइफस्टाइल जैसे कई कारण बनते हैं इसकी वजह।

डिजिटल डेस्क, नईदिल्ली। क्या आप भी आधी रात में जाग जाते हैं। क्या रात में 3 से सुबह 5 बजे के बीच आपकी भी नींद टूटती है। अगर, आपका जवाब हां है, तो यह खबर आपके लिए ही है। इससे पहले कि आगे बढ़ें, आपको बता दें कि आधी रात में जागना एक आम समस्या है, जो दुनिया भर में करीब 50-70 फीसदी वयस्कों को प्रभावित करती है।

वास्तव में ज्यादातर लोग रात भर में कई बार जागते हैं, जिससे उनके नींद के पैटर्न बाधित होते हैं। इसका सीधा असर उनकी स्वास्थ्य पर होता है। अक्सर, ये नींद का टूटना बहुत कम समय के लिए होता है और ज्यादातर लोगों का ध्यान इस ओर नहीं जाता क्योंकि वो जल्दी से वापस सो जाते हैं।

नींद की कमी से होती हैं कई परेशानियां

हालांकि, कुछ लोगों के लिए ये रात के समय जागना लंबे समय तक और कष्टदायक हो सकते हैं, जिससे वापस सोना मुश्किल हो जाता है। ये व्यवधान नींद की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं, जिससे दिन में थकान, उत्पादकता में कमी और मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

अगर आप भी ऐसे व्यक्ति हैं जो हर रात 3 से 5 बजे के बीच जाग जाते हैं, तो इसके कुछ कारण हो सकते हैं। यहां, हम आपको आधी रात को नींट के टूटने के कुछ संभावित कारणों के बारे में बता रहे हैं। इनके बारे में जानिए और इनका इलाज कराएं।

3 से 5 बजे के बीच नींद टूटने के कारण

तनाव- आधी रात को जागने का एक सामान्य कारण है। जब हम तनाव में होते हैं, तो हमारे शरीर की “लड़ो या भागो” प्रतिक्रिया सक्रिय हो जाती है। इसे जिसे सहानुभूति तंत्रिका तंत्र के रूप में भी जाना जाता है। यह प्रतिक्रिया कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे तनाव हार्मोन को रिलीज करती है।

ये हार्मोन्स हमारे शरीर को कथित खतरे से लड़ने या भागने के लिए तैयार करते हैं। ये हार्मोन्स नींद के पैटर्न को बाधित कर सकते हैं, जिससे हम रात के बीच में जाग जाते हैं।

उम्र बढ़ना- जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारे नींद के पैटर्न स्वाभाविक रूप से बदलते हैं। इससे आधी रात को जागनाे या नींद टूटने की समस्या बढ़ जाती है, खासकर 3 से 5 बजे के बीच। वृद्ध वयस्कों में अक्सर मेलाटोनिन का उत्पादन कम होता है।

इसकी वजह से उन्हें हल्की नींद आती है और शोर या बेचैनी के प्रति उनकी संवेदनशीलता बढ़ जाती है। ये परिवर्तन नींद को बाधित कर सकते हैं, जिससे वरिष्ठ लोग रात भर में बार-बार जागते हैं।

अनिद्रा- अनिद्रा एक सामान्य नींद विकार है, जो आधी रात को जागने का कारण बन सकता है। अनिद्रा से रात में बार-बार नींद टूट सकती है, जिससे पूरी रात आराम करना मुश्किल हो जाता है। नतीजतन दिन में थकान, मूड में गड़बड़ी और उत्पादकता में कमी हो सकता है।

खराब जीवनशैली- यदि आप खराब लाइफस्टाइल को लंबे समय तक जारी रखते हैं, तो इससे आपकी नींद का पैटर्न महत्वपूर्ण रूप से बाधित हो सकता है। सोने के समय भारी भोजन करना, धूम्रपान करना या शराब और कैफीन पीना शरीर को उत्तेजित कर सकता है, जिससे रात भर सोना या सोते रहना मुश्किल हो जाता है।

रजोनिवृत्ति के लक्षण- रजोनिवृत्ति के लक्षण जैसे रात को पसीना आना भी महिलाओं को रात के बीच में जगा सकते हैं। ये लक्षण शरीर के तापमान में अचानक वृद्धि को गति प्रदान कर सकते हैं जिससे बेचैनी, चिंता और अनिद्रा हो सकती है। ऐसे में दोबारा गहरी नींद में सोना मुश्किल हो जाता है।

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