NEET-UG 2024: जबलपुर में गाड़ी की चाबी बाहर रखवाई, छात्राओं के कान के टाप्स, हेयर पिन उतरवाए
NEET-UG 2024: प्रतिभागियों को अपने साथ मात्र प्रवेश पत्र, आधार कार्ड और पारदर्शी पानी की बोतल ही ले जाने दिया गया।
HIGHLIGHTS
- कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित हुई परीक्षा।
- प्रत्येक केंद्र पर प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस भी तैनात रहे।
- सघन जांच के बाद ही दिया गया प्रवेश।
NEET-UG 2024 : मेडिकल कालेज में प्रवेश के लिए आवश्यक पात्रता परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट- नीट रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित हुई। शहर में नीट यूजी 2024 के लिए 26 परीक्षा केंद्र थे। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं परीक्षा में सम्मिलित हुए। समस्त केंद्रों में छात्र-छात्राओं को सघन जांच के बाद प्रवेश दिया गया। प्रतिभागियों को अपने साथ मात्र प्रवेश पत्र, आधार कार्ड और पारदर्शी पानी की बोतल ही ले जाने दिया गया। कुछ परीक्षा केंद्र में प्रतिबंधित सामग्री के साथ आए छात्र-छात्राओं ने प्रतिरोध दिखाया। लेकिन अधिकारियों ने कोई ढिलाई नहीं दी। बायोमेट्रिक जांच के बाद ही छात्र-छात्राओं को परीक्षा में सम्मलित होने की अनुमति दी गई। नकल रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों में जैमर भी लगाए थे। प्रत्येक केंद्र पर प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस भी तैनात रही।
छात्राओं के लिए अलग जांच घेरा
परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अपने वाहन से पहुंचे छात्र-छात्राओं को उसकी चाबी तक परीक्षा कक्ष के बाहर रखवा ली गई। कुछ छात्राओं ने कान में टाप्स और बाल में पिन लगाकर पहुंची थी, उनके टाप्स, हेयर पिन भी बाहर ही उतरवा दिए गए। कुछ छात्र-छात्राओं के हाथ में रक्षा सूत्र बंधा था, उसे काटकर अलग किया गया। फुल आस्तीन की शर्ट पहनने वालों प्रतिभागियों की अच्छे से जांच के बाद बांहें मोड़कर हाफ करवाया गया। चुस्त कपड़े पहनकर आए प्रतिभागियों की जांच बारीकी से की गई। संदिग्ध छात्राओं की जांच के लिए अलग से छोटा घेरा बनाया गया था। जहां, महिला कर्मियों ने उनकी तलाशी ली।
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- 26 शिक्षण संस्थानों में नीट यूजी के लिए परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।
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- 14 हजार के लगभग प्रतिभागियों काे इन केंद्र में परीक्षा देना था।
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- 11 हजार 500 के लगभग छात्र-छात्राएं परीक्षा में सम्मिलित हुए।
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- 14 भाषा, हिंदी व अंग्रेजी सहित यह पात्रता परीक्षा आयोजित हुई।
नीट यूजी में
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- 200 कुल प्रश्न इस परीक्षा में पूछे गए।
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- 180 प्रश्नों का उत्तर छात्रों को देना था।
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- चार अंक प्रत्येक प्रश्न के सही उत्तर पर।
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- एक अंक कटेगा प्रत्येक गलत उत्तर पर।
एवरेज था पेपर, उलझाने वाले थे कुछ प्रश्न
परीक्षा में सम्मलित अधिकती छात्र-छात्राओं ने प्रश्न पत्र को औसत बताया। छात्र-छात्राओं के अनुसार प्रश्न पत्र के पैटर्न में कोई बदलाव नहीं है। जैसी तैयारी की थी उसके अनुरुप ही प्रश्न पूछे गए है। गत वर्ष की तरह ही इस बार भी बायोलोजी और कैमेस्ट्री का भाग अपेक्षाकृत सरल है। फिजिक्स में प्रश्नों को कुछ घुमाकर पूछा गया था। यह प्रश्न उलझाने वाले थे। इन्हें समझकर हल करने में अधिक समय लगा। इस कारण कई छात्र-छात्राएं परीक्षा में पूछे गए समस्त प्रश्नों के उत्तर नहीं लिख सकें। उन्हें समय कम पड़ गया।
लंबी जांच से हुए परेशान
परीक्षा देने के लिए आसपास के जिलों से भी छात्र-छात्राएं पहुंचे थे। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने परीक्षा केंद्र में छात्र-छात्राओं को सुबह 11 बजे पहुंचने का निर्देश दिया था। सुबह 11 से दोपहर 1:30 बजे के बीच प्रतिभागियों के आवश्यक प्रमाण पत्र एवं अन्य अभिलेख की जांच की गई। कमियां होने पर उन्हें तुरंत पूर्ण करने का एक अवसर दिया गया। उसके बाद दोपहर दो से शाम 5:20 बजे तक प्रश्न पत्र आयोजित हुआ। इस दौरान दूसरे जिलों से आए छात्र-छात्राओं के अभिभावक दिन में तेज गर्मी और धूप के बीच परेशान होते रहे।
बाटनी में प्रश्नों को समझकर हल करना पड़ रहा था। इसमें इस बार जेनेटिक को ज्यादा भार दिया गया। फिजिक्स का भाग कठिन लगा। प्रश्नों को हल करने में समय पड़ गया। प्रश्न पत्र का लेवल माडरेट कह सकते है।
सजल सिंघानिया, परीक्षार्थी
मेरा यह पहला प्रयास था। प्रश्न पत्र औसत ही लगा। मुझे फिजिक्स और कैमेस्ट्री के प्रश्नों में समस्या हुई। इनके प्रश्न अपेक्षाकृत कठिन थे। जैसा गत वर्षों में प्रश्न थे, वैसे ही इस बार भी पूछे गए है।
वैष्णवी ओझा, परीक्षार्थी
प्रश्न पत्र औसत ही रहा। प्रश्न कठिन तो नहीं थे, लेकिन उनको घुमाकर पूछा गया था। इसलिए प्रश्नों को पढ़कर समझने में अधिक समय लग गया। इसके कारण समस्त प्रश्न के उत्तर देने के लिए समय कम पड़ गया।
श्रुति साहू, परीक्षार्थी