भूपेश बघेल ने खड़े किए सवाल, शराब नीति रमन सरकार में बनी, टैक्स चोरी साबित हुई तो पाई-पाई का लेंगे हिसाब :
रायपुर (राज्य ब्यूरो)। शराब घोटाले के मामले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व की भाजपा सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह की भूमिका पर कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि 2017 में रमन सिंह की सरकार में शराब पर पालिसी बनाई गई। सारे दुकानों को शासकीय किया गया और कार्पोरेशन के माध्यम से खरीदी और प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से मैनपावर की व्यवस्था की गई।
शराब घोटाले का आरोप-सरकार को बदनाम करने की साजिश
नीति पर सवाल उठते हैं कि आखिरकार सिर्फ तीन शराब निर्माता कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए पालिसी क्यों बनाई गई। इस नीति में देश की दूसरी कंपनियों को मौका क्यों नहीं मिला। राजस्व की यदि बात करें तो बीते वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग को 6500 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है। कर चोरी की शिकायतों पर हमने जांच शुरू कर दी है।
राज्य के राजस्व में यदि कर चोरी साबित हुई तो वादा है कि पाई-पाई का हिसाब लेंगे, लेकिन यह तय है कि ईडी ने जो आरोप राज्य सरकार पर लगाएं हैं, वह राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश के तहत लगाया गया है। भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। इसलिए ईडी का भय दिखाकर चुनावी साल में भ्रष्टाचार का सिर्फ आरोप लगा पा रहे हैं, लेकिन भाजपा यह जान लें कि गांव, गरीब, किसान, मजदूर,युवाओं का हाथ सरकार के साथ है।
रमन सिंह बताएं कि कंपनियों से उनके कितने गहरे संबंध
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह है कि डा. रमन सिंह यह बताएं कि तीन शराब निर्माता कंपनी जिसे राज्य सरकार की ओर से नोटिस जारी किया गया है। उनसे कितने गहरे संबंध है। क्यों ऐसी पालिसी बनाई गई कि इसमें फेरबदल की गुंजाइश नहीं बन रही है।
शराब निर्माता कंपनी और अधिकारियों से अब होगी पूछताछ
आबकारी विभाग के नोटिस के बाद अब तीन शराब निर्माता कंपनी और चार अधिकारियों से सीधी पूछताछ होगी। नोटिस के बाद अधिकारियों और कंपनियों ने जवाब दे दिया है। उन्होंने अपने जवाब में विभाग के समक्ष आला अधिकारियों की मौजूदगी में सुनवाई की अनुमति मांगी है।
आबकारी विभाग के आयुक्त जनक प्रसाद पाठक ने बताया कि विभागीय प्रक्रिया के तहत अब एक-एक अधिकारियों और कंपनियों के जिम्मेदारों को बुलाकर पूछताछ की जाएगी। इसके बाद अगला कदम उठाया जाएगा। शराब निर्माता कंपनी वेलकम डिस्टलरी, बिलासपुर, भाटिया वाईन मर्चेन्ट प्राइवेट लिमिटेड, मुंगेली और छत्तीसगढ़ डिस्टलरी लिमिटेड, कुम्हारी को नोटिस जारी किया गया था।
इन पर आरोप है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2022-23 की अवधि में अवैध मदिरा (नान ड्यूटी पेड मदिरा) निकासी की गई। इसके साथ ही उपायुक्त आबकारी नीतू नोतानी, कार्यालय सहायक आयुक्त आबकारी, जिला- बिलासपुर, सहायक आयुक्त विकास कुमार गोस्वामी, कार्यालय जिला आबकारी अधिकारी, जिला- बलौदाबाजार-भाटापारा, जिला आबकारी अधिकारी इकबाल अहमद खान, कार्यालय उपायुक्त आबकारी जिला-रायपुर और जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार सिंह, सीएसएमसीएल पार्ट-2, जिला- दुर्ग को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इन अधिकारियों ने भी जवाब दे दिया है।